Thursday, December 29, 2016

कल से पूरी तरह समाप्त हो जाएगी 500-1000 के पुराने नोटों को लेकर आरबीआई की देनदारी; अध्यादेश केंद्रीय कैबिनेट में मंजूर

आठ नवंबर को पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों को रद करने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के जरिये पुराने नोटों को लेकर रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की देनदारी खत्म हो जाएगी। इसमें तय सीमा से अधिक पुराने नोट रखने पर भारी जुर्माने का प्रावधान भी किया
गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दरअसल अध्यादेश को लाने की जरूरत नोट पर प्रकाशित रिजर्व बैंक के उस वचन के कारण पड़ी, जिसमें धारक को छपी रकम के बराबर कीमत अदा करने की बात कही गई है। आठ नवंबर के बाद अवैध घोषित कर दिए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर भी यही बात लागू होती है। आरबीआइ की इस देनदारी को रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 में फेरबदल कर ही खत्म किया जा सकता है। आरबीआइ के प्रत्येक वचन की गारंटी सरकार लेती है। लिहाजा इस अध्यादेश के जरिये सरकार को भी इस देनदारी से मुक्त किया गया है। इससे पहले 1978 में हुई नोटबंदी भी सरकार ने ऐसा ही अध्यादेश जारी करने के बाद लागू की थी। अब सरकार इस अध्यादेश के अनुमोदन के लिए आगामी बजट सत्र में विधेयक लाएगी। इसे पारित कराने के बाद अध्यादेश को स्थायी कानून में बदला जा सकेगा। सामान्यत: अध्यादेश कानून के रूप में छह माह तक ही वैध रहता है। अध्यादेश में उल्लेखित तारीख के बाद पुराने नोट की बदौलत किसी भी तरह की समानांतर व्यवस्था खड़ी नहीं हो सकेगी। माना जा रहा है कि सरकार अध्यादेश में पुराने नोटों की मान्यता समाप्त करने की तारीख 30 दिसंबर रखेगी, क्योंकि बैंकों में पुरानी करेंसी जमा कराने का यही आखिरी दिन है। 
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साभारजागरण समाचार 
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