Monday, December 26, 2016

साइबर सिक्योरिटी: दस वर्षों में मिलेंगी दस लाख नौकरियां

भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और ट्रेड में आईटी का अहम रोल है। आईटी ने हमारे रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इससे सुरक्षा संबंधी कुछ नए खतरे भी सामने आए हैं। साइबर अपराधियों ने आईटी की मदद से कंपनियों से लेकर सरकारी एजेंसियों और आम लोगों के जीवन तक की जानकारियों में सेंध लगाने के तरीके ईजाद किए हैं। पिछले कुछ वर्षों मंे कई देश की सरकारों को
साइबर अटैक जैसी घटनाओं से गंभीर नुकसान हुए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में प्राफेशनल की मांग बढ़ी है। नैसकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक साइबर सुरक्षा के क्षेत्र मंे भारत में करीब10 लाख ट्रेंड प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। 
नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान मंे देश में साइबर सिक्योरिटी का बाजार करीब 3 अरब डॉलर का है। इसकी देश के 150 अरब डॉलर के आईटी सेक्टर में करीब 2 फीसदी की हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के अनुसार देश का अाईटी बाजार 2025 तक बढ़कर 350 अरब डॉलर के करीब हो जाएगा। साइबर सिक्योरिटी की इसमें 10 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। यानी भारत का साइबर सिक्योरिटी मार्केट 2025 के अंत तक 35 अरब डॉलर का हो सकता है। भारत के अलावा विश्वभर में साइबर सिक्योरिटी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक साइबर सिक्योरिटी बाजार वर्तमान के 85 अरब से बढ़कर 2025 के अंत तक करीब 190 अरब डॉलर को हो जाएगा। ऐसे में इस क्षेत्र मंे युवाओं के लिए कॅरिअर की अच्छी संभावनाएं हैं। 
ई-बैंकिंग, ई-कॉमर्स, ई-गवर्नेंस और सोशल मीडिया ऐसे फैक्टर हैं, जिनके बढ़ने से लोगों को सुविधाएं तो मिली हैं, लेकिन साइबर फ्रॉड के सबसे ज्यादा मामले इनमें ही सामने आए हैं। सरकारें और शैक्षणिक संस्थाएं भी इस अोर ध्यान दे रही हैं। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन पहले ही तकनीकी संस्थानों से साइबर सिक्योरिटी और इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी के यूजी और पीजी कोर्स शुरू करने की बात कह चुका है। इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम, प्रोग्रामिंग, नेटवर्क और प्रोटोकॉल्स की जानकारी जरूरी होती है। साइबर अपराधी वायरस अटैक या अन्य तरीकों से डेटा चुराने या नष्ट करने की कोशिश करते हैं और साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स सिस्टम को इस तरह के अटैक को रोकने से सुरक्षा करते हैं। 
स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए कर सकते हैं मास्टर कोर्स: 12वीं करने के बाद छात्र कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के बैचलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। साइबर सिक्योरिटी में स्पेशलाइजेशन हासिल करने के लिए साइबर सिक्योरिटी या इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी के एमटेक या एमएससी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी मौजूद हैं। 
विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर: साइबरसिक्योरिटी प्रोफेशनल की मांग एनर्जी सेक्टर, होटल, एयरलाइन, हेल्थकेयर, टेलीकॉम कंपनी, इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्टेशन, डिफेंस और लॉ इंफाेर्समेंट के क्षेत्र में होती है। प्रोफेशनल बतौर सिक्योरिटी सिस्टम मैनेजर, नेटवर्क सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन, नेटवर्क सिक्योरिटी इंजीनियर, वेब सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटर, वेब सिक्योरिटी ऑडिटर, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एनालिस्ट और डेटा सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट काम कर सकते हैं। 
कमाई भी बेहतर: सेक्टरके अनुसार सैलरी पैकेज अलग-अलग हो सकता है। इस क्षेत्र में फ्रेशर को 2 से 3 लाख रुपए सालाना का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद पैकेज 10 से 12 लाख रुपए प्रति माह का भी हो सकता है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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