Friday, December 30, 2016

नोटबंदी को अमेरिका-ब्रिटेन के अखबारों ने बताया 'मोदी की बड़ी भूल', चीन-सिंगापूर जैसे देशों ने कहा 'ऐतिहासिक कदम'

फोर्ब्स मैग्जीन (अमेरिका): नोटबंदी कर भारत सरकार ने अपनी मुद्रा के साथ जो किया, वह वीभत्स और अनैतिक
बहुत-से देश बड़ी रकम के नोटों को बंद कर रहे हैं। वे वही तर्क दे रहे हैं, जो भारत सरकार ने दिए हैं। लेकिन इसे समझने में कोई चूक नहीं होनी चाहिए कि इसका असली मकसद क्या है। सुझाव- फोर्ब्स के मुताबिक टैक्स चोरी से बचने का सबसे आसान उपाय हैं एक समान टैक्स दर, या कम से कम एक सरल और कम दर वाली टैक्स प्रणाली लागू करना। जिसके बाद टैक्स चोरी व्यर्थ लगे।
वॉशिंगटन पोस्ट (अमेरिका)भ्रष्टाचार रोकने के लिए की गई नोटबंदी, अब नए नोटों में ही हो रहा भ्रष्टाचार 
भारतमें की गई नोटबंदी पूरी दुनिया में पिछले दशकों में करेंसी पॉलिसी में किए गए बड़े परिवर्तनों में एक है। लेकिन कमजोर प्लानिंग के चलते यह बड़ी गलती साबित हो रहा है। अब तो नए नोटों से ही भ्रष्टाचार के मामले सामने रहे हैं। अगर भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है तो फिर कुछ लोगों को लाइनों में भी लगकर कैश क्यों नहीं मिल रहा और कुछ के पास नए करेंसी के अंबार निकल रहे हैं? 
ग्लोबल टाइम्स (चीन)नोटबंदी सफल हो या विफल; मोदी का यह कदम दुनिया के लिए मिसाल बनेगा 
यह मोदी का बेहद साहसिक कदम है। यह एक 'जुआ' है जो हर हाल में एक मिसाल पेश करेगा। भले ही सफल रहे या विफल। 'मोदी टेक्स गैम्बल विद मनी रिफॉर्म' शीर्षक से छपे लेख में कहा गया है कि इसके जरिए मोदी सरकार लंबी और कठिन सुधार प्रक्रिया को एक बार में करना चाहती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सूचना लीक होने से बचाने के लिए इसके क्रियान्वयन को खतरे में डालते हुए गोपनीय रखना पड़ा। 
गार्डियन (ब्रिटेन)मोदी भारत में तूफान लेकर आए हैं, ये स्कीम तानाशाही के नाकाम प्रयोग जैसी 
मोदी भारत में तूफान लेकर आए हैं। नोटबंदी से अमीरों को कोई फर्क नहीं पड़ता। वे अपना पैसा शेयर, गोल्ड और रियल एस्टेट में लगा रहे हैं। लेकिन 130 अरब आबादी वाले जिस देश में गरीब सबसे ज्यादा हैं, उनपर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। उनके पास बैंक अकाउंट नहीं है और उनका सारा लेनदेन कैश में होता है। मोदी की ये स्कीम उनकी तानाशाही के नाकाम प्रयोग जैसी साबित हुई है। 
ब्लूमबर्ग-अमेरिकामोदी का मास्टर स्ट्रोक बड़ी भूल पर जनता उनके साथ
पहली बार में तो ये फैसला मोदी का मास्टर स्ट्रोक लगता है लेकिन, बाद में भयंकर गलती सा लगता है। इससे क्या बदलाव आए? एक बात तो साफ है कि सरकार ने प्लानिंग के वक्त लापरवाही की। लोगों तक पैसा पहुंचाने के लिए रिजर्व बैंक जूझ रहा है। मोदी ने 50 दिन मांगे हैं। लेकिन स्थिति सामान्य होने में चार महीने लगेंगे। हालांकि ब्लूमबर्ग के रिपोर्टर ने मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का दौरा किया। वहां लोग इस मुद्दे पर उनके समर्थन हैं। 
द इंडीपेंडेंट (सिंगापुर): ली कुआन की तरह ही मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस सदी का ऐतिहासिक कदम उठाया 
सिंगापुर के इंडीपेंडेंट अखबार ने नोटबंदी को एेतिहासिक बताया है। मोदी की तुलना सिंगापुर के प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन यू से की है। लिखा- मोदी ने ली क्वान यू की तरह ही भ्रष्टाचार पर हमला किया हैै। मोदी ने इससे होने वाली असहनीय कठिनाइयों को लेकर लोगों को पहले ही सचेत किया था। भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया यह निर्णय उनके लिए और सम्मान लेकर आया है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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