Saturday, December 31, 2016

अब मेडिकल दाखिले में नहीं चलेगी प्राइवेट कालेजों की मनमानी, सरकारी काउंसलिंग से ही होंगे दाखिले

मेडिकल कालेजों में दाखिले के दौरान प्राइवेट कालेजों की मनमानी हमेशा के लिए खत्म होने वाली है। इसके लिए केंद्र सरकार ने डॉक्टरी की हर सीट पर दाखिला सरकारी काउंसलिंग से ही कराने के कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। इसी तरह सरकारी नौकरी करने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए पीजी में दाखिला बेहद आसान हो जाएगा। इस कानून में पीजी (स्नातकोत्तर) की सीटों पर 50 फीसद तक रिजर्वेशन सरकारी डॉक्टरों के लिए होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एक और प्रावधान के तहत अब एमबीबीएस करने के बाद छात्र को अलग से एक्जिट परीक्षा भी देनी होगी। इससे डॉक्टरों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी। मेडिकल एडमिशन में होने वाली लूट-खसोट पर रोक लगाने के लिए एनईईटी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) की व्यवस्था करने के बाद अब काउंसलिंग में पारदर्शिता लाने की भी स्थायी व्यवस्था कर ली गई है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रलय ने भारतीय मेडिकल काउंसिल बिल में व्यापक संशोधन का मसौदा तैयार कर लिया है। सभी संबंधित पक्षों को छह जनवरी तक इस पर अपने सुझाव देने को कहा गया है। इसके बाद सरकार बजट सत्र में इन संशोधन को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। 

प्रस्तावित कानून में साफ प्रावधान किया गया है कि मेडिकल के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम (एमबीबीएस) और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (पीजी) दोनों के लिए ही सभी मेडिकल कालेजों में दाखिला साझा काउंसलिंग से ही होंगे। इसमें सरकारी, निजी और डीम्ड सभी विवि शामिल होंगे। यह साफ कर दिया है कि जो सीटें केंद्रीय कोटा से आती हैं उनके लिए काउंसलिंग केंद्र सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय करवाएगा। बाकी सीटों के लिए यह काम राज्य सरकार करेगी।

गुणवत्ता होगी सुनिश्चित: अब डॉक्टर की प्रतिभा को लेकर आपको ज्यादा आशंकित नहीं रहना होगा। किसी छात्र के लिए एमबीबीएस में दाखिला लेना ही काफी नहीं होगा। बल्कि पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उसे एक्जिट परीक्षा भी देनी होगी। लगातार खुल रहे प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे थे, मगर इसे सुनिश्चित करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। लेकिन नई व्यवस्था में छात्र को अपनी प्रैक्टिस करनी हो, नौकरी करनी हो या फिर आगे की पीजी की पढ़ाई करनी हो यह तभी मुमकिन हो पाएगा जब वह एक्जिट परीक्षा में तय किए गए न्यूनतम अंक हासिल कर लें। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही परीक्षा होगी।

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साभारजागरण समाचार 
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