Monday, December 26, 2016

8वीं नहीं अब 5वीं के बाद भी फेल हो सकेंगे छात्र, डर होने से अनुशासनहीन हो रहे बच्चे

विधि मंत्रालय ने फेल नहीं करने की नीति को आठवीं कक्षा से घटाकर पांचवीं कक्षा तक ही सीमित करने के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जानकारों के मुताबिक बच्चों में फेल होने का डर नहीं होने के कारण अनुशासनहीन हो रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फेल
ना करने की नीति में बदलाव किया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। विधि मंत्रालय ने कहा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा का अधिकार, 2009 की धारा 16 को संशोधित कर सकता है क्योंकि यह प्रस्ताव उप समिति की सिफारिश पर आधारित है। स्कूल में दाखिला लेने वाले किसी भी बच्चे को पांचवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने तक किसी भी कक्षा में फेल ना करने या स्कूल से निष्कासित ना करने के प्रावधान पर 'कोई आपत्ति नजर नहीं आती।' मौजूदा प्रावधान के अनुसार, फेल ना करने या एक ही कक्षा में बनाए ना रखने की नीति प्राथमिक शिक्षा पूरी करने तक मान्य है।
विधि मंत्रालय के कानूनी मामलों के विभाग ने अपने नोट में कहा कि 'राज्य सरकारें जरूरत पड़ने पर छठी, 7वीं या 8वीं कक्षा तक बच्चों को एक ही कक्षा में रोकने के लिए नियम बना सकती हैं, लेकिन छात्रों को दोबारा परीक्षा में शामिल होने के लिए अतिरिक्त मौका दिया जा सकता है।' 
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साभार: भास्कर समाचार 
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