हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए हर माह एकेडमिक मॉनिटरिंग होगी। इसकी जिम्मेदारी 250 अधिकारियों को दी है। एक अधिकारी पूरा दिन एक ही स्कूल में रहेगा। महीने में दो बार अधिकारियों का दल करीब 500 स्कूलों की मॉनिटरिंग करेगा। कोशिश है कि हर ब्लाक का एक स्कूल जरूर
लिया जाए। पूरे साल में 4500 स्कूलों की चैकिंग करने का लक्ष्य रखा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। विभाग के एसीएस, निदेशालय के तीन डायरेक्टर, पांच एडीशनल डायरेक्टर, पांच डिप्टी डायरेक्टर, पांच ज्वाइंट डायरेक्टर, डीईओ, डीईईओ, डीपीसी, डाइट प्रिंसिपल और सीनियर लेक्चर्स, सभी ब्लाक के बीईओ इस दल में शामिल किए हैं।
मॉनिटरिंग अधिकारी के साथ विषय एक्सपर्ट भी होगा और विषय के पांच प्रश्न पूछेगा। ये प्रश्न पिछले महीने के पाठयक्रम के होंगे। पूरे पांच प्रश्नों का उत्तर देने पर एक्सीलेंट, चार का उत्तर देने पर गुड और तीन का जवाब देने पर संतोषजनक। इसके नीचे लो परफॉरमेंस होगी। जिस पर शिक्षक प्रिंसिपल को वार्निंग दी जाएगी। 90 दिन बाद फिर उसी स्कूल की कक्षाओं का निरीक्षण होगा।
बेहतर परफॉरमेंस पर मिलेगा प्रशंसा पत्र: एक बार यदि लो परफॉरमेंस आई और अगली बार फिर परफॉरमेंस में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित प्रिंसिपल के खिलाफ रिपोर्ट हेड क्वार्टर में दी जाएगी। अच्छी परफॉरमेंस पर प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि लगातार मॉनिटर करने से निश्चित ही अध्यापकों की जवाबदेही बढ़ेगी। अध्यापक ज्यादा जिम्मेदारी से काम करेंगे। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर शिक्षा स्तर सुधारने का काम कर रहे हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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