जाट आंदोलन के दौरान जिला प्रशासन व पुलिस नाकाम रहे। प्रशासनिक अधिकारियों की इस नाकामी पर प्रकाश सिंह जांच कमेटी ने मुहर लगा दी है। वेबसाइट पर प्रकाश सिंह जांच कमेटी की पूरी रिपोर्ट डालकर प्रदेश सरकार ने जो धमाका किया है, उसमें सब इंस्पेक्टर से एसपी और एसडीएम से डीसी को नाकाम करार दिया
गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कैथल के तत्कालीन डीसी निखिल गजराज के बारे में पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने लिखा है कि कैथल जैसे छोटे से शहर से भी वे बाहर नहीं निकले, जबकि पूंडरी और कलायत हिंसा के बड़े केंद्र थे। वहां जानमाल और संपत्ति को निशाना बनाया गया था, जिसे गंभीरता से नहीं लिया गया। समिति की इस रिपोर्ट में कैथल के तत्कालीन एसपी कृष्ण मुरारी पर टिप्पणी की गई है कि कलायत और पूंडरी को लेकर उनका रवैया ठीक नहीं था। उनकी मौजूदगी में उपद्रवियों ने कैथल में पदमा सिटी मॉल में तोड़फोड़ की और वे कुछ नहीं कर सके। उन्होंने खुद जांच समिति के सामने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी वर्दी वाली सरकारी टोपी उतारकर दंगाइयों के सामने रखी दी थी। पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने सख्त टिप्पणी करते हुए एसपी के इस रवैये को कलंकित करने वाला और पुलिस के लिए अशोभनीय करार दिया।
एसडीएम, डीएसपी और एसएचओ भी फेल: रिपोर्ट के मुताबिक कलायत के तत्कालीन एसडीएम बीर सिंह, डीएसपी हेड क्वार्टर टेकन राज और कलायत के तत्कालीन एसएचओ वेदपाल सिर्फ सूचना देने तक ही सीमित रहे। कलायत में बड़े स्तर पर दंगा भड़का, वहां एक की मौत हो गई, और 40 दुकानों को तोड़ दिया गया, लेकिन वे इसे रोकने में पूरी तरह से नाकाम रहे। बता दें कि सब इंस्पेक्टर वेदपाल को इस रिपोर्ट के आधार पर पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है।
समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि पूंडरी के तत्कालीन एसएचओ नवीन कुमार संपत्ति को बचाने में पूरी तरह से फेल रहे। उनकी लापरवाही के चलते पूंडरी में सात बसें, आठ-नौ दुकानें तोड़ दी गई। उन्हें पहले ही सूचना दे दी गई थी, इसके बावजूद कोई एहतियात नहीं बरती और न ही पुलिस बल का इस्तेमाल किया। नवीन कुमार को इस रिपोर्ट पर सस्पेंड किया जा चुका है।
तत्कालीन एसडीएम से सहानुभूति जताई: कैथल की तत्कालीन एसडीएम मनदीप कौर के प्रति प्रकाश सिंह जांच समिति की रिपोर्ट में सहानुभूति जताई गई है। कहा गया कि उनके खिलाफ जनता की कोई शिकायत नहीं थी। उन्होंने जो कुछ बोला, वह सिर्फ जुबान फिसलने के कारण हुआ। इसके विपरीत तत्कालीन डीसी ने उनकी आंदोलन के दौरान सहयोग के लिए सराहना भी की थी। उन्होंने कहा था कि अगर सभी इस तरह का सहयोग करते तो शायद इस तरह का मंजर न होता।
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साभार: जागरण समाचार
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