Saturday, June 11, 2016

हाई कोर्ट में याचिका: पैरा मिलिट्री फ़ोर्स पर रोजाना हो रहा डेढ़ करोड़ आंदोलनकारियों से वसूले सरकार

आरक्षण आंदोलन के चलते प्रदेश में तैनात पैरा मिलिट्री फोर्स पर हो रहे खर्च पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब कर लिया है। हिसार निवासी विशाल अग्रवाल की जनहित याचिका पर कोर्ट ने 13 जून की सुनवाई तय की है। इसी दिन सरकार की तरफ से दाखिल अर्जी पर सुनवाई है, जिसमें आरक्षण दिए जाने पर
लगी रोक को हटाने की मांग की गई है। ऐसे में अब इस मामले पर एक साथ सुनवाई होगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। याचिका में कहा गया कि प्रदेश में पैरा मिलिट्री फोर्स पर रोजाना राज्य सरकार डेढ़ करोड़ रुपए का खर्च कर रही है। यह खर्च लोगों की खून पसीने की कमाई के रूप में जमा टैक्स राशि से हरियाणा सरकार क्यों अदा करे, यह राशि जाट आंदोलनकारियों से वसूली जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि 26 मई को हाईकोर्ट ने जाटों सहित छह जातियों को बीसी सी श्रेणी के आरक्षण प्रावधान पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के अगले ही दिन 27 मई को जाट आंदोलनकारियों की तरफ से अपनी मांगों के समर्थन में पांच जून से आंदोलन करने की घोषणा की गई। राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स की 55 कंपनियां तैनात की गई। 

आंदोलन की आड़ में राजनीति: याचिका में कहा गया कि जाट आंदोलन की आड़ में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति अॉल इंडिया जाट आरक्षण समिति से जुड़े लोग आंदोलन की घोषणा कर अपनी राजनीतिक लाइफ को चमका रहे हैं। इन्हें आंदोलन की घोषणा करने के लिए कोई कानूनी अधिकार नहीं है। वह भी उन परिस्थितियों में जब मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। 
याचिका में जाट नेता प्रतिवादी: याचिका में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रेजीडेंट यशपाल मलिक, अॉल इंडिया जाट आरक्षण समिति के नेशनल जनरल सेक्रेटरी महेंद्र सिंह पूनिया, दूसरे गुट के अध्यक्ष हवा सिंह सांगवान, जाट एजूकेशन सोसायटी के पूर्व प्रधान बलवान को प्रतिवादी बनाया है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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