Wednesday, June 8, 2016

स्वेच्छा से पेंशन छोड़ने वालों को सरकार करेगी सम्मानित

हरियाणा सरकार ने प्रदेश हित में स्वैच्छिक रूप से अपनी सामाजिक सुरक्षा पेंशन त्यागने वाले लोगों को गोल्ड प्लेटेड सरेंडर प्रमाणपत्र से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कहा कि इसके लिए 'गिव इट अप' शीर्षक से एक अभियान शुरू किया जाएगा। प्रमाण पत्र पर उनके और सामाजिक
न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कविता जैन के हस्ताक्षर होंगे। सीएम ने कहा कि सरकार उन लोगों को भी सम्मानित करेगी, जो पेंशन के पात्र होकर भी इसका लाभ उठा रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यदि ऐसे लोग अगस्त 2016 तक अपनी पेंशन छोड़ते हैं, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाएगी। पेंशन ले रहे अपात्र लोगों के बारे में सूचना देने वाले को पांच हजार रु. का नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा और उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 23.26 लाख पेंशनधारक हैं। अभी 1400 रु. प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। 
अब ये नहीं होंगे हकदार: घर के सदस्य की मासिक आय 20 हजार रु. या ज्यादा है। जिनके पास कार, जीप, ट्रैक्टर, ट्रॉली आदि वाहन हैं। 165 लीटर से ज्यादा क्षमता वाला फ्रिज है।
बेटा सक्षम है तो उससे खर्चा लेने के हकदार: विभाग का कहना है कि जब हरियाणा में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के नियम बनाए गए थे, तब मेंटीनेंस एक्ट (भरण-पोषण कानून) नहीं था। अब यह एक्ट लागू हो गया है। इसके अनुसार अगर परिवार में कोई सदस्य 20,000 रुपए प्रतिमाह से ज्यादा की नौकरी कर रहा है या व्यवसाय कर रहा है तो माता-पिता उससे खर्चे के रूप में 10,000 रुपए तक का क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए एसडीएम को दरखास्त दी जा सकती है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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