Sunday, June 12, 2016

बिहार टॉपर्स घपला: बीआर कॉलेज का प्रिंसिपल बच्चा राय गिरफ्तार, सरेंडर कर बोला मैं निर्दोष हूँ

बिहार बोर्ड परीक्षा घोटाले के मुख्य आरोपी और वैशाली के बिशुन राय कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। कॉलेज के गेट के पास खुद को सरेंडर करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कॉलेज गेट के सामने बच्चा राय को जब पुलिस ने दबोचा तो वह चिल्लाते हुए मीडिया की
ओर मुखातिब होना चाहा, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया और गाड़ी पर बिठा लिया। इसी बीच, मीडिया के सामने उसने चिल्लाते हुए कहा कि 'मैं निर्दोष हूं, मुझे कानून और कोर्ट पर पूरा भरोसा है।' यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गिरफ्तारी से पूर्व बच्चा राय ने पुलिस को कई बार चकमा दिया। पहले उसने अपने समर्थकों से मैसेज दिलवाया कि वह मीडिया के सामने आत्मसमर्पण करेगा। फिर कुछ देर के बाद यह चर्चा शुरू हुई कि वह भगवानपुर में नहीं, बल्कि हाजीपुर कोर्ट में सरेंडर करेगा। मामले की जांच कर रही एसआईटी टीम के सदस्यों को यकीन नही था कि बच्चा राय इस प्रकार सरेंडर करेगा, लेकिन एसआईटी की दबिश से घबराकर बच्चा ने सुबह में ही सरेंडर करने की सूचना फैला दी थी। लगभग डेढ़ बजे के आसपास बच्चा राय लाल स्कॉर्पियों से कॉलेज परिसर में अचानक पहुंचा और खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। 
सरेंडर करने के बाद बच्चा राय को एसआईटी सीधे पटना ले गई। गिरफ्तारी को लेकर पुलिस इस कदर परेशान थी कि गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे छह गाड़ियों के बीच पटना ले जाया गया। पटना ले जाने के क्रम में गांधी सेतु जाम रहने के कारण उसे विपरीत रूट से ले जाया गया। गिरफ्तारी की सूचना के बाद वैशाली एसपी राकेश कुमार भी बाद में पटना के लिए रवाना हो गए। 
रूबी को दिया 14 दिनों का समय: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय को एक और मौका दिया है। हालांकि, उसके रिजल्ट को सस्पेंड रखा गया है। बोर्ड प्रशासन ने उसके तीन जून को बोर्ड द्वारा जारी किए गए विशेष टेस्ट के दौरान दिए गए आवेदन को आधार मानते हुए अंतिम मौका दिया है। अब 14 दिन बाद 25 जून को उसके भाग्य का फैसला होगा। उसे विशेषज्ञ कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर अपनी योग्यता साबित करनी होगी। अगर वह अपनी योग्यता साबित करने में नाकामयाब होती है तो उसके रिजल्ट को रद्द कर दिया जाएगा। रूबी ने तीन जून को मानसिक रूप से परेशान होने का हवाला देते हुए टेस्ट नहीं दिया था। 
सबूत जुटाने गई थी एसआईटी की टीम: बिहार के डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि एसआईटी की टीम बच्चा राय को गिरफ्तार करने गई ही नहीं थी। एसआईटी की टीम इस मामले से जुड़े जरूरी दस्तावेज और सबूत जुटाने बिशुन राय कॉलेज गई थी। शिक्षा विभाग की ओर से कोई जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया था। एफआईआर बिना दस्तावेज के ही दर्ज की गई थी। किसी के भी खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी के लिए दस्तावेज और साक्ष्य जरूरी होता है। जिस दिन पुलिस कॉलेज में छानबीन के लिए गई थी, उस समय तक गिरफ्तारी को लेकर कोई भी निर्णय नहीं हुआ था। किसी को भी बिना दस्तावेज और साक्ष्य के गिरफ्तार करना उचित नहीं होता। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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