परिवार की 2 लाख रुपए से कम आय वाले बच्चे जिन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा लिए टेस्ट में 55 प्रतिशत फीसदी से अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें भी नियम 134ए के तहत ज्यादातर निजी स्कूल दाखिला नहीं दे रहे। 5 मई को परिणाम घोषित हुए थे। पूरा एक महीना गुजर जाने के बाद भी शिक्षा विभाग प्रशासन बच्चों को दाखिला दिलाने
में असफल रहा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जिला स्तर पर डीसी डीओ से बार-बार अभिभावकों के मिलने के बावजूद भी कोई परिणाम नहीं आए। इससे गरीब परिवार परेशान हैं। इसलिए 2+5 जन आन्दोलन के अध्यक्ष सत्यवीर हुड्डा ने आह्वान किया कि 8 जून को सभी अभिभावक अपने विधायकों से मिलकर दाखिले की मांग करें। इसके बाद 10 जून तक दाखिले नहीं होते हैं, तो नजदीकी भाजपा विधायक का घेराव करें, ताकि प्रशासन शिक्षा विभाग दाखिला करा पाएं। उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि नियम 134ए आरटीई को लागू किया जाए। बता दें कि शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और चीफ सेक्रेटरी राजेश खुल्लर ने वादा किया था कि निजी स्कूलों में 2 लाख से ज्यादा सीटें खाली हैं। सभी आवेदकों को दाखिला दिया जाएगा। इससे पहले कहा था कि जो बच्चे टेस्ट में नहीं बैठ पाए थे, उन्हें दोबारा मौका दिया जाएगा। इसके बावजूद अब तक बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले नहीं मिल पा रहे हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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