Tuesday, June 7, 2016

नहीं हट पाई छह जातियों के आरक्षण पर रोक ; 13 जून को होगी अगली सुनवाई

हरियाणा में जाटों सहित 6 जातियों को आरक्षण देने पर लगाई गई रोक हरियाणा सरकार सोमवार को भी हटवाने में नाकाम रही। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में चल रही भर्ती प्रक्रिया और विभिन्न शिक्षण संस्थानों में चल रही प्रवेश प्रक्रिया बाधित होने की बात कहते हुए रोक हटाने की अपील की गई थी। हाईकोर्ट ने मामले में
इस तथ्य के कारण सुनवाई जल्दी करने का निर्णय लेते हुए 13 जून की तारीख रख दी परंतु रोक हटाने से फिलहाल इन्कार कर दिया। हाईकोर्ट के इस आदेश से राहत की उम्मीद लगाए बैठी हरियाणा सरकार और जाटों की उम्मीदों को झटका लगा है। सोमवार को मामले की सुनवाई आरंभ होते ही हरियाणा सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा गया कि हरियाणा सरकार द्वारा जाटों को आरक्षण देने के लिए बनाए गए एक्ट को चुनौती देने का याचिकाकर्ता का आधार कमजोर है। हरियाणा सरकार ने विधानसभा में लाकर इस एक्ट को बनाया है और ऐसे में इस पर कानूनी अड़चन नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके लिए बाकायदा बैकवर्ड कमीशन का गठन किया गया था। हरियाणा सरकार ने कहा कि प्रदेश में लगभग 41000 पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया चल रही है वहीं दूसरी ओर 21000 सीटों पर शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में जल्द सरकार को राहत दी जाए।
कोर्ट ने याची से उनका पक्ष पूछा। याची की ओर से हरियाणा सरकार द्वारा दाखिल की गई स्टे हटाने की अर्जी और जाटों की ओर से पार्टी बनने के लिए दाखिल की गई अर्जी पर अपना जवाब दाखिल किया। दोनों मामलों में याची पक्ष की ओर से स्टे हटाए जाने का विरोध किया गया। इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा कि वे पहले याची द्वारा सौंपे गए जवाब को पढ़ लें ताकि इस मामले में बहस की जा सके।
जिस तरह से जाट समुदाय के लोगों ने शांति बनाए रखने में सहयोग दिया है, यह सराहनीय है। सरकार सभी मांगों को लेकर गंभीर है। हमारी सरकार आरक्षण के लिए अदालत में मजबूत पैरवी कर रही है। 1- मनोहर लाल, सीएम हरियाणा
सरकार की ओर से स्टे हटाने के लिए अर्जी सेक्शन 226 के सब क्लॉज 3 के अंतर्गत दाखिल की गई थी। इस अर्जी के मायने यह हैं कि 14 दिन के भीतर यदि इस अर्जी पर फैसला नहीं लिया गया तो ऐसे में स्टे स्वयं ही हट जाएगा। दुर्भाग्य यह है कि यह 14 दिन का समय वकिर्ंग डे को जोड़कर ही होता है। हाईकोर्ट में इस समय अवकाश चल रहा है और ऐसे में इन दिनों को वकिर्ंग डे में नहीं जोड़ा जा सकता है। ऐसे में हरियाणा सरकार की इस अर्जी पर फैसला लेने का अंतिम समय 13 जुलाई तक है। हरियाणा में जाटों द्वारा आरक्षण को लेकर दोबारा आंदोलन शुरू करने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इस दिशा में राज्य को सख्त कदम उठाने के निर्देश जारी करने की अपील की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले में याची से पूछा कि सोमवार को आंदोलन का दूसरा दिन है और अभी तक क्या उनकी जानकारी में कोई अप्रिय घटना आई है। इसका कोई जवाब न दे पाने पर हाईकोर्ट ने कहा कि वहां सेना तैनात है और ऐसे में आवश्यकता महसूस नहीं होती कि ऐसे कोई निर्देश जारी किए जाएं। याची की ओर से कहा गया कि फरवरी में हुए आंदोलन के दौरान भी सेना मौजूद थी परंतु सेना को कुछ करने की अनुमति ही नहीं दी गई। ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद 13 जून को जाट आरक्षण से जुड़े अन्य मामलों के साथ इस याचिका पर सुनवाई का निर्णय लिया है।सोमवार को हाईकोर्ट में वोकेशन रोस्टर में डिवीजन बेंच के सामने जाट आरक्षण को चुनौती देने वाली कई और याचिकाएं भी पहुंची। इन याचिकाओं में भी जाटों को दिए गए आरक्षण और हरियाणा सरकार द्वारा इस बारे में बनाए गए विधान को खारिज करने की अपील की गई है। हाईकोर्ट ने इन याचिका पर सुनवाई 13 जून को हरियाणा सरकार द्वारा दाखिल की गई अपील के साथ करने का निर्णय लिया है।
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साभारजागरण समाचार 
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