ब्रिटेन के मशहूर ग्लसटनबरी फेस्टिवल में इस बार सिर्फ महिलाएं हिस्सा लेंगी। इसका थीम रखा गया है 'सिस्टरहुड'। यह दुनिया का अपनी तरह का पहला बड़ा फेस्टिवल होगा, जिसमें केवल महिलाएं ही शामिल होंगी। इसको लेकर ब्रिटेन की महिलाएं काफी दिनों से अभियान चला रही थीं। उनका मानना है कि इससे
महिलाओं को सुरक्षित जगह मिलेगी। जहां वे खुलकर आपस में मिल सकेंगी, अपनी बातों को साझा कर सकेंगी, मौज-मस्ती कर सकेंगी और एक-दूसरे की मदद के तरीके सीख सकेंगी। यह दुनिया की महिलाओं के लिए एक अच्छी शुरुआत है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे यूके समेत दुनिया में महिलाएं अपने अधिकारों को लिए जागरूक होंगी। फेस्टिवल की आयोजनकर्ताओं का कहना है 'ये सिस्टरहुड अभियान चला रहीं महिलाओं के लिए अहम कामयाबी है। फेस्टिवल की सफलता से हम एक नई इबारत लिखेंगे। दुनिया पुरुष प्रधान समाज है। जबकि महिलाओं के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है। इस फेस्टिवल को अब तक पुरुषों द्वारा ही आयोजित किया जा रहा था। पिछले फेस्टिवल्स में हमारा अनुभव काफी बुरा रहा है। उनमें महिलाओं के साथ अभ्रदता की घटनाएं होती रहीं हैं। पुरुषों के आगे हमें अपना टैलेंट दिखाने का मौका भी नहीं मिल पाता था। जबकि पुरुषों के लिए ऐसे कई कार्यक्रम होते हैं। इसलिए हमने सिस्टरहुड अभियान शुरू किया। अनुमति हासिल करने के बाद अब हम इसकी सफलता के लिए अभियान चला रहे हैं। हमारा मकसद दुनिया के हर देश में महिलाओं को ऐसा कोई सुरक्षित स्थान मुहैया कराना है। जहां वे बिना किसी झिझक और शर्म के अपनी बात कह सकें। जहां उनकी निजता बरकरार रहे। जहां वे खुलकर जी सकें। तमाम देशों में महिलाओं की बेहतरी के लिए काम हो रहा है। फिर भी बहुत कुछ करना अभी बाकी है। यूके में कार्यस्थलों पर लैंगिक असमानता है। घरेलू हिंसा है। सेक्स वर्कर्स के अधिकारों जैसे तमाम मुद्दे हैं। जो हमारे एजेंडे में शामिल हैं।' ग्लसटनबरी फेस्टिवल पांच दिनों तक चलने वाला आर्ट और म्यूजिक फेस्टिवल है। इस बार ये 22 से 26 जून तक समरसेट के शांगरी ला एरिया में होगा। इसमें आयोजनकर्ता, सेक्युरिटी गार्ड से लेकर प्रस्तुतकर्ता तक हर कोई महिला होगी। सिस्टरहुड अभियान को लेकर महिलाएं सोशल मीडिया पर भी अभियान चला रही हैं। जिसे बड़ी संख्या में लोग सराह रहे हैं। क्लेरी बेडबल ट्वीटर पर लिखती हैं 'सिस्टरहुड से ताकत और मजबूती का अहसास हो रहा है।' एक महिला ने लिखा 'सुनकर काफी अच्छा लग रहा है कि दुनिया बदल रही है। पर इसकी शुरुआत सऊदी अरब में भी होनी चाहिए।' अभियान चला रहीं महिलाओं का कहना है वे किसी भी मजहब या वर्ग से हों, पहले वे एक महिला हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.