Thursday, June 9, 2016

गीता फोगाट का दर्द: रिकॉर्ड में डीएसपी और हकीकत में इंस्पेक्टर रैंक

गीता फौगाट - देश की पहली महिला पहलवान, जिसने ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की तरफ से महिला कुश्ती में पहला गोल्ड जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। एक ऐसी पहलवान जो अखाड़े में प्रतिद्वंद्वियो के सामने कभी बेबस नहीं नजर आई। लेकिन अपने ही प्रदेश में लाल फीताशाही के कारण एक रैंक नीचे रहने को मजबूर है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने सरकार ने गीता की उपलब्धियों को देखते हुए उसे बतौर पुलिस में उपअधीक्षक (डीएसपी) नियुक्ति को मंजूरी दी। लेकिन हकीकत यह है कि वह मधुबन में बतौर इंस्पेक्टर नियुक्त है। बता दें कि दो वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने गीता को ग्रुप-बी में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान कर दी थी। लेकिन गीता को नियुक्ति मिली बतौर इंस्पेक्टर मधुबन में। जब बेटी को डीएसपी के बजाए इंस्पेक्टर की वर्दी में चाचा सज्जन बलाली ने देखा तो क्षुब्ध हो गए। सूचना के अधिकार के तहत राज्य सूचना अधिकारी (उप अधीक्षक स्थापना) से उन्होंने सूचना मांगी। राज्य सूचना अधिकारी ने पिछले वर्ष 12 जून को दी गई सूचना में स्पष्ट किया है कि कुश्ती खिलाड़ी गीता बलाली व शूटर हरप्रीत सिंह को ग्रुप-बी (डीएसपी) में नियुक्ति के लिए सरकार की तरफ से स्वीकृति दी हुई है। लेकिन अभी तक ये पद सृजित नहीं किए गए हैंै। इस सूचना को आधार बनाते हुए गीता ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसपर न्यायाधीश दीपक सिब्बल ने हरियाणा सरकार को तीन मार्च को निर्देश दिए थे कि इस मामले में सरकार दो माह में याची के पक्ष में कदम उठाए। गीता के चाचा ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश जारी होने के दो माह की अवधि बीत चुकी है। लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक गीता को डीएसपी पद पर नियुक्ति नहीं दी है। वह कुछ दिन और इंतजार करेंगे। यदि उनकी बेटी को डीएसपी की रैंक नहीं मिली तो दोबारा से हाईकोर्ट में जाएंगे।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.