Monday, June 6, 2016

केयर गिवर कोर्स: बुजुर्गों की सेवा करेंगे युवा: दुआ के साथ मिलेगी 'पगार' भी

हरियाणा के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। केयर गिवर (सारथी) के रूप में रोजगार का अब एक और नया क्षेत्र खुलने जा रहा है। इसमें काम करने पर उन्हें दिव्यांग और बुजुर्गों की सेवा करने पर जहां उनकी दुआएं मिलेंगी, वहीं उन्हें इसके लिए वेतन भी मिलेगा। सेवा के क्षेत्र में रोजगार की बढ़ती डिमांड को देखते हुए राज्य सरकार ने
यह क्षेत्र चुना है। उत्तर भारत में हरियाणा पहला ऐसा राज्य होगा, जो नेशनल स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी से अप्रूव्ड करवाकर 'केयर गिवर' का कोर्स शुरू कर रहा है। इसके तहत पहले चरण में 1000 युवाओं को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अभी केरल में इस तरह का ट्रेंड ज्यादा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। 
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कविता जैन ने बताया कि प्रदेश के गांव और शहरों में बहुत सारे बुजुर्ग अकेले रहते हैं। शहरों में अक्सर ऐसे मामले देखने को मिलते हैं कि नौकरी-पेशा बच्चे विदेश में या बाहर रहते हैं। इधर, घर में उनके मां-बाप अकेले रहते हैं। इनमें कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं, जो चलने-फिरने में सक्षम नहीं हैं, बल्कि बीमार भी रहते हैं। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं होता और ही जरूरत पड़ने पर कोई उन्हें अस्पताल ले जाने वाला। इनमें कुछ केस ऐसे भी हैं, जिनमें बुजुर्ग बैड से ही नहीं उठ पाते हैं। ऐसे लोगों को सरकार सामाजिक सुरक्षा देना चाहती है। इसलिए 'केयर गिवर' योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग दिलाने के बाद इन युवाओं का मार्केट में प्लेसमेंट करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बहुत ज्यादा बुजुर्ग अथवा नि:शक्त वृद्धों को भी एक 'केयर गिवर' की सेवाएं उपलब्ध करवाने पर सरकार विचार कर रही है। ऐसे 4 बुजुर्गों पर एक केयर गिवर नियुक्त किया जाएगा जो रोजाना दो घंटे की सेवा उन्हें दे सके। इसके लिए केयर गिवर को सरकार मानदेय देगी। 
नर्सिंग कॉलेजों में मिलेगी ट्रेनिंग: 'केयरगिवर' एक तरह से नर्सिंग का ही दूसरा विकल्प है। बल्कि उससे एक पायदान नीचे है। इसके लिए राज्य सरकार ने 4 माह का कोर्स तैयार किया है। इस कोर्स को नेशनल स्किल डेवलपमेंट अथॉरिटी से अनुमोदित कराया जा रहा है। इसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अपने खर्चे पर युवाओं को नर्सिंग कॉलेजों के माध्यम से ट्रेनिंग दिलाएगा। इसमें भी स्कूल ड्रॉप आउट बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। 
सरकार कराएगी प्लेसमेंट: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एसके गुलाटी बताते हैं कि हमारा संकल्प केयर गिवर के रूप में प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश को नंबर वन बनाना है। ट्रेनिंग करवाने के बाद युवाओं की मार्केट में प्लेसमेंट कराई जाएगी। इस तरह के काम में युवाओं को अपना थोड़ा वक्त सेवा में देने के बदले 10 से 12 हजार रुपए मासिक आसानी से मिल जाते हैं। मार्केट में 'केयर गिवर' की डिमांड बढ़ रही है। इस कोर्स को करने के बाद हमारे युवा विदेशों में भी जा सकते हैं। वहां इनकी काफी डिमांड रहती है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.