प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्र ने पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ा दी है। मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच मुलाकात के दौरान कई अहम रक्षा समझौते होने की उम्मीद है। अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर दो दिन पहले ही भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक रक्षा सहयोग का दौर शुरू होने का एलान कर
चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान को रक्षा तकनीक के मामले में हाशिये पर चले जाने का डर सताने लगा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पाकिस्तान के सामरिक योजना प्रभाग (एसपीडी) के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से वहां छप रही खबरों में मोदी की यात्र के दौरान होने वाले रक्षा सौदों को लेकर बेचैनी साफ देखी जा सकती है। एसपीडी पाकिस्तान में परमाणु हथियारों को नियंत्रित करने वाले नेशनल कमांड अथॉरिटी के सचिवालय के रूप में काम करता है। मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) ग्रुप में भारत के शामिल करने पर घोषणा कर सकता है। एक बार इस ग्रुप में शामिल होने पर भारत को समूह के अन्य देशों के साथ मिसाइल की अत्याधुनिक तकनीक साझा करने का अवसर मिलेगा। इससे भारत का अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का रास्ता भी खुल सकता है। इसी प्रीडेटर ड्रोन की मदद से अमेरिका तालिबान के बड़े-बड़े आतंकियों को मारने में सफल रहा है। अभी हाल ही बलूचिस्तान में इसी ड्रोन की मदद से अमेरिका ने तालिबान प्रमुख को मार गिराया था।
पाक की चिंता मोदी-ओबामा मुलाकात के दौरान परमाणु विमान वाहक पोत पर समझौते की संभावना को लेकर है।
- यदि परमाणु विमान वाहक पर समझौता हो जाता है, तो भारत की मारक क्षमता कई सौ गुना बढ़ जाएगी।
- एक एयरक्राफ्ट कैरियर एक साथ सौ से अधिक लड़ाकू विमान लेकर चल सकता है।
- इस एयरक्राफ्ट कैरियर से परमाणु हथियार से लैस लड़ाकू विमान भी उड़ान भर सकते हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.