हरियाणा में भर्ती होने वाले करीब तीन हजार विशेष पुलिस अधिकारियों के हाथों में कानून व्यवस्था की कमान होगी। भर्ती प्रक्रिया 15 जून से आरंभ हो जाएगी। सभी नियुक्तियां भारतीय सेना में काम कर चुके पूर्व सैनिकों की होंगी। मगर इस भर्ती में जाट आरक्षण आंदोलन में संदिग्ध भूमिका वाले पूर्व सैनिकों को मौका नहीं दिया
पाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भर्ती के लिए इन पूर्व सैनिकों की कोई लिखित या शारीरिक परीक्षा नहीं ली जाएगी। राज्य पुलिस के एक पखवाड़े के ट्रेनिंग कैप्सूल कोर्स के बाद इन पुलिस अधिकारियों को फील्ड में उतार दिया जाएगा। हरियाणा पुलिस अधिनियम 2007 में विशेष पुलिस अधिकारियों की भर्ती किए जाने का प्रावधान है, लेकिन इसे करीब नौ साल बाद पहली बार अंजाम दिया जा रहा है। राज्य में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और भविष्य के खतरे भांपते हुए इस पुलिस बल की तैनाती खासी अहम हो गई है। राज्य के पास करीब 10 हजार पुलिस कर्मियों की कमी है। ऐसे में पुलिस की स्थायी भर्ती होने तक विशेष पुलिस अधिकारियों से काम चलाया जाएगा।
एक साल का होगा अनुबंध: एक साल के अनुबंध पर लगने वाले इन विशेष पुलिस अधिकारियों को आपातकालीन स्थिति में राज्य के किसी भी जिले में तैनात किया जा सकता। वहीं, दूसरी ओर इसके बाद गारद ड्यूटी, पेट्रोलिंग, यातायात, कानून व्यवस्था तथा पुलिस ड्यूटी से जुड़े कामों में उनकी सेवाएं ली जाएंगी।
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साभार: जागरण समाचार
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