Wednesday, June 1, 2016

मलाईदार पदों पर बैठा दिए 'दागदार' अधिकारी

जाट आरक्षण आंदोलन में आगजनी और हिंसा के बाद प्रकाश सिंह कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जिन अधिकारियों का नाम दागदार श्रेणी में शामिल हैं वे आज भी मलाईदार पदों पर आसीन हैं। जाट आंदोलन सुर्खियों में आने के बाद सोनीपत के डीसी रहे राजीव रतन को स्वास्थ्य महकमे में अहम पद पर विराजमान कर दिया गया। अब
रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद एक बार फिर आइपीएस और आइएएस अधिकारियों में तबादले की तलवार लटक गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में पांच डीसी, तीन एसपी और एक आइजी को जिम्मेदार ठहराया जा चुका है। रोहतक, हिसार, भिवानी, सोनीपत, जींद, कैथल में हिंसा के लिए कौन कौन जिम्मेदार हैं। इसका उल्लेख प्रकाश सिंह समिति की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से किया गया है। रिपोर्ट में आइएएस अधिकारियों को ज्यादा जिम्मेदार माना गया है। हालांकि कई जिलों में पुलिस अधीक्षक को तो क्लीन चिट दे दी गई, जबकि वहां के उपायुक्त को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया गया। सवाल यह उठता है कि पुख्ता कानून व्यवस्था की पहली जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की थी तो वहां के डीसी को जिम्मेदार किस तरह ठहरा दिया गया? प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट में सोनीपत के डीसी रहे राजीव रतन का नाम शामिल हैं जिन्हें मौजूदा समय जिले के नहीं बल्कि स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी सौंपी हुई है। वह अतिरिक्त सचिव हैं इसके अलावा एनएचएम के एमडी व फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर हैं। इनके अधीन कई पद महत्वपूर्ण हैं और मलाईदार कहे जा सकते हैं। 
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साभारजागरण समाचार 
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