हरियाणा के सभी विश्वविद्यालय को डिजिटल करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। सभी विश्वविद्यालयों को इंटरनेट की हाई बैंडविडथ व वाई-फाई से जोड़ा जाएगा। विश्वविद्यालयों को न केवल अपनी मोबाइल एप विकसित करनी होगी, बल्कि कालेजों में दाखिलों से लेकर फीस के भुगतान तक सभी
प्रक्रिया को आनलाइन किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश सरकार चाह रही कि सभी विश्वविद्यालयों में एक साथ एवं एक समान प्रवेश परीक्षा आयोजित कराई जाए। इससे दाखिलों में फर्जीवाड़ा नहीं होगा। परीक्षा की डेटसीट, रोल नंबर, परीक्षा-परिणाम के अलावा अंकतालिका ऑनलाईन करने के साथ-साथ समय सीमा निर्धारित करने को लेकर भी सरकार गंभीर है। पंचकूला में हुई राज्य के उप कुलपतियों की बैठक में उनसे इन सभी पर राय ली गई। स्कूली शिक्षा एवं इलेक्ट्रानिक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों द्वारा मोबाइल एप विकसित करने के बाद ही उच्चतर शिक्षा के कार्य ऑनलाइन हो सकेंगे। इसलिए यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाएंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों एवं इनके तहत आने वाले कालेजों के एडमिशन से लेकर फीस आदि को ऑनलाइन किए जाने की योजना है। कुलाधिपति कप्तान सिंह सोलंकी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि सभी कालेजों में शिक्षण स्टाफ की भर्ती में पूरी पारदर्शिता के लिए क्राइटेरिया बनाया जाए। चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के उप कुलपति प्रो. एसके गक्खड़ की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने इस बारे में अपनी प्रस्तुति दी है। विजयवर्धन ने बताया कि विश्वविद्यालयों के व्यावसायिक कोर्स की फीस को पूरे राज्य में तर्कसंगत बनाए जाने पर राय ली गई। अतिरिक्त मुख्य सचिव हरदीप सिंह, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक विकास यादव, हारट्रोन के एमडी विजेंद्र कुमार समेत कई विभागों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
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साभार: जागरण समाचार
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