प्रदेश सरकार निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिला कोटे में कोई कमी नहीं करेगी। इसके उलट उनका कोटा बढ़ाने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए सरकार पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ का आकलन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विशेष प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल को यह भरोसा दिलाया है। यह
पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा से मुलाकात कर उन्हें कमेटी में शामिल नहीं किए जाने पर ऐतराज जताया। इसका गठन निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिलों का प्रतिशत घटाने अथवा बढ़ाने का आकलन करने तथा निजी स्कूलों अथवा बच्चों को सरकार की ओर से दी जाने वाली फीस (अनुदान राशि) का आकलन करने के लिए हुआ है। कमेटी में चार निजी स्कूलों के दो-दो प्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग के अफसरों को तो शामिल कर लिया गया था, लेकिन गरीब बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के प्रतिनिधियों को नजरअंदाज कर दिया गया था। शिक्षा मंत्री के हस्तक्षेप पर सीएम के विशेष प्रधान सचिव से हुई इस मुलाकात के बाद कमेटी में दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा, भारत भूषण पंचकूला, विनोद शर्मा करनाल, रामफल एडवोकेट गुड़गांव, बलबीर सिंह सरोहा रोहतक, हरिओम कुरुक्षेत्र, जन शेर राणा करनाल तथा अर्चना सोनीपत को शामिल किया गया है। सत्यवीर हुड्डा ने बताया कि प्रदेश सरकार का रुख सकारात्मक है। खुल्लर ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों की धारा 134-ए को बरकरार रखने तथा पहली कक्षा में शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को दाखिले दिलाने तथा कक्षा तीन से 12 तक 10 प्रतिशत सीटों पर वंचित बच्चों को दाखिले सुनिश्चित कराने का भरोसा दिलाया है।
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साभार: जागरण समाचार
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