हरियाणा में नियम 134ए के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को पढ़ाने और निजी स्कूलों की बसों में सीसीटीवी अनिवार्य किए जाने के मामलों को लेकर प्राइवेट स्कूल संघ का एक शिष्टमंडल प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू के नेतृत्व में बीती शाम वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु से मिला। संघ के प्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस बैठक के दौरान प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने निजी स्कूलों की समस्याओं को उठाया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि निजी स्कूल गरीब बच्चों को पढ़ाने के हक में हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि इन बच्चों का खर्च अन्य 90 प्रतिशत बच्चों पर पड़े। इसलिए सरकार नियम 134ए के तहत पढ़ने वाले गरीब बच्चों को सरकारी स्कूलों के समान 2300 रुपए प्रति माह दे। भले ही यह पैसा निजी स्कूलों का न देकर सीधे गरीब बच्चों के खातों में डाला जाए। इसके साथ ही कुंडू ने स्कूली बसों की सीमा दस वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि चूंकि प्राइवेट स्कूलों की बसें हर रोज 30 से 50 किलोमीटर ही चलती हैं, वहीं सरकारी बसें हर रोज 700 से 900 किलोमीटर का सफर तय करती हैं, इसलिए प्राइवेट स्कूलों की बसों को दस वर्ष में कंडम घोषित करना न्यायसंगत नहीं होगा। उन्होंने वित्त मंत्री से कहा कि प्राइवेट स्कूल बसों में कैमरे लगवाने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसका सीधा बोझ अभिभावकों की जेब पर पड़ेगा। कैमरे लगाने की अनिवार्यता को खत्म किया जाए व कैमरे न होने की एवज में बसों की पासिंग को न रोका जाए। वित्तमंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया कि सरकार का प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं के प्रति पूरा ध्यान है और चुनाव से पूर्व किए गए प्राइवेट स्कूलों के सभी वादों को सरकार पूरा करेगी। शिष्टमंडल में पूर्व अध्यक्ष तेलूराम रामायणवाला, राजबीर ढाका, साधुराम जाखड़, विरेंद्र बामल व बलदेव खन्ना भी शामिल थे।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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