नकल माफिया के गढ़ के रूप में कुख्यात हो चुके क्षेत्र में एक बार फिर आंसर-की लीक होने का मामला सामने आया है। पुलिस ने एसएससी (स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) की कंबाइंड हायर सेकेंडरी लेवल की परीक्षा की आंसर-की लीक कर उन्हें परीक्षार्थियों तक पहुंचाने के गोरखधंधे का खुलासा किया है और नकल माफिया के दो गुर्गो को
गिरफ्तार किया है। रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सीआइए-टू टीम प्रभारी राकेश सैनी को रविवार देर शाम सूचना मिली कि एसएससी की आंसर-की लीक हो गई है और इसे परीक्षार्थियों तक पहुंचाने के दो आरोपी पोलो कार में बोहर नाके की ओर जा रहे हैं। टीम तत्काल बोहर नाके पर पहुंच गई। वहां वाहनों की तलाशी के दौरान सफेद रंग की कार में सवार दो लोग संदिग्ध लगे। उनके कब्जे से लिये गए दो-दो मोबाइल की छानबीन में एसएससी परीक्षा की आंसर-की मिली और उनके अन्य मोबाइलों में व्हाट्सएप में भेजे जाने की भी पुष्टि हो गई। आरोपियों में नवीन पुत्र जोगेंद्र मदीना का रहने वाला है। वह पहले क्षेत्र में कोचिंग सेंटर चलाता था। दूसरे आरोपी दिलबाग सिंह पुत्र बलवंत किशनगढ़ महम का रहने वाला है।
शातिर दांगी के गांव का है कोचिंग सेंटर संचालक: ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट के दौरान पुलिस ने आंसर-की लीक होने के बड़े गोरखधंधे का 3 मई को खुलासा किया था। इस मामले में बड़ी संख्या में गिरोह से जुड़े लोगों और लाभार्थी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी की गई थी, लेकिन अब तक गिरोह के सरगना रूप दांगी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पकड़ा गया आरोपी नवीन भी दांगी के गांव मदीना का ही है। इसलिए उसके तार दांगी गिरोह से जुड़े होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
एक-एक लाख में किया 16 से सौदा: नवीन और दिलबाग ने आंसर-की का 16 लोगों से सौदा किया था। इनमें 13 परीक्षार्थी नवीन के और 3 दिलबाग के संपर्क में थे। सभी आरोपियों से एक-एक लाख रु. में आंसर-की का सौदा किया था। हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर पाई है कि आरोपियों ने परीक्षार्थियों से कितने रुपये हासिल कर लिए थे।
गिरफ्तार किया है। रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सीआइए-टू टीम प्रभारी राकेश सैनी को रविवार देर शाम सूचना मिली कि एसएससी की आंसर-की लीक हो गई है और इसे परीक्षार्थियों तक पहुंचाने के दो आरोपी पोलो कार में बोहर नाके की ओर जा रहे हैं। टीम तत्काल बोहर नाके पर पहुंच गई। वहां वाहनों की तलाशी के दौरान सफेद रंग की कार में सवार दो लोग संदिग्ध लगे। उनके कब्जे से लिये गए दो-दो मोबाइल की छानबीन में एसएससी परीक्षा की आंसर-की मिली और उनके अन्य मोबाइलों में व्हाट्सएप में भेजे जाने की भी पुष्टि हो गई। आरोपियों में नवीन पुत्र जोगेंद्र मदीना का रहने वाला है। वह पहले क्षेत्र में कोचिंग सेंटर चलाता था। दूसरे आरोपी दिलबाग सिंह पुत्र बलवंत किशनगढ़ महम का रहने वाला है।
शातिर दांगी के गांव का है कोचिंग सेंटर संचालक: ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट के दौरान पुलिस ने आंसर-की लीक होने के बड़े गोरखधंधे का 3 मई को खुलासा किया था। इस मामले में बड़ी संख्या में गिरोह से जुड़े लोगों और लाभार्थी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी की गई थी, लेकिन अब तक गिरोह के सरगना रूप दांगी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पकड़ा गया आरोपी नवीन भी दांगी के गांव मदीना का ही है। इसलिए उसके तार दांगी गिरोह से जुड़े होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
एक-एक लाख में किया 16 से सौदा: नवीन और दिलबाग ने आंसर-की का 16 लोगों से सौदा किया था। इनमें 13 परीक्षार्थी नवीन के और 3 दिलबाग के संपर्क में थे। सभी आरोपियों से एक-एक लाख रु. में आंसर-की का सौदा किया था। हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर पाई है कि आरोपियों ने परीक्षार्थियों से कितने रुपये हासिल कर लिए थे।
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साभार: जागरण समाचार
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