Tuesday, November 3, 2015

पहली कक्षा में गरीबों को दाखिला क्यों नहीं - हाईकोर्ट

हरियाणा के निजी स्कूलों में पहली कक्षा मेें गरीब होनहार छात्रों को दाखिला नहीं देने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने डायरेक्टर एलीमेंटरी एजूकेशन को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर क्यों न अवमानना कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने पूछा है कि आखिर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद पहली कक्षा में गरीबों को दाखिला क्यों नहीं दिया जा रहा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हाईकोर्ट ने अप्रैल महीने में सरकार को आदेश दिया था कि हरियाणा स्कूल रूल्स के मुताबिक पहली से आठवीं कक्षा तक 10 प्रतिशत सीटों पर गरीब होनहार छात्रों को दाखिला दिया जाए। इसके अलावा नौवीं से 12वीं कक्षा तक आरटीई के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला देने का आदेश भी दिया गया था। हरियाणा सरकार को आदेश दिया गया था कि निजी स्कूलों को आरक्षित सीटों पर प्रति दाखिले के हिसाब से फीस की अदायगी की जाए। सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया था और सुप्रीम कोर्ट तक में एसएलपी दाखिल की थी, लेकिन सरकार को एसएलपी वापस लेनी पड़ गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। अब प्रदेश के निजी स्कूलों में पहली कक्षा में गरीबों को दाखिला नहीं देने का एक आदेश हरियाणा सरकार ने जारी किया था। दूसरी से आठवीं कक्षा तक 10 प्रतिशत सीटों पर गरीबों को दाखिला दे दिया गया था। पहली कक्षा के लिए जारी इसी नए आदेश को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। इसमें कहा है कि डायरेक्टर एलीमेंटरी एजूकेशन हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, लिहाजा उनके खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना की कार्रवाई की जाए। इसी पर हाईकोर्ट ने सोमवार को उपरोक्त जवाब तलब किया है। सुनवाई 16 नवंबर को होगी।
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साभारअमर उजाला समाचार 
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