फतेहाबाद के भूना में दुष्कर्म प्रयास व छेड़छाड़ के आरोप में छात्र के
हाथों पिटे प्राचार्य को अदालत ने बरी कर दिया है। यह मामला न्यायाधीश
शालिनी नागपाल की अदालत में विचाराधीन था। अदालत ने मामला दर्ज कराने वाली
छात्र ही अपनी बात से पलट गई। 9 मई 2015 का यह मामला था, जिसमें गांव धोलू
की छात्र ने आरोपी प्राचार्य राजकुमार कस्वां को भूना में सरेबाजार पीटा
था। आरोप था कि राजकुमार कस्वां भूना स्थित
सीनियर सेकेंडरी स्कूल का
प्राचार्य है। गांव धोलू की एक छात्र भी उसी के स्कूल में पढ़ती थी। छात्र
ने आरोप लगाया था कि वह उससे अश्लील भाषा में बात करता था। कभी-कभी उसे
अकेले में भी बात करने के लिए बुला लिया करता। उसने पहले तो कुछ दिन तक
उसकी इन हरकतों को बर्दाश्त किया। बाद में छात्र ने सारी बात अपने घर बताई।
घरवालों ने प्राचार्य से बातचीत की रिकॉर्डिंग भी कर ली। इसके बाद
योजनाबद्ध तरीके राजकुमार कस्वां के खिलाफ सबूत जुटाए और फिर सरेबाजार पीटा
गया। इस घटना के बाद छात्र ने इसी स्कूल की एक छात्र पर भी आरोप लगाया था
कि वह उस प्राचार्य की पक्की चेली है जो विरोध करने वाली छात्रओं को डरा कर
रखती थी। इस तरह के तमाम आरोप लगाए गए, जिसके आधार पर पुलिस ने प्राचार्य
के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा तो छात्र
अपनी बात से मुकर गई। उसने कहा है कि प्राचार्य ने उसके साथ कुछ नहीं
किया, बल्कि दो युवक ही उसे ब्लैकमेल कर रहे थे। उन युवकों ने उसे
प्राचार्य के खिलाफ यह कदम उठाने के लिए कहा था। उसे मजबूर करके प्राचार्य
के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था। इसी के चलते अदालत ने राजकुमार कस्वां
को बरी कर दिया है।
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साभार: जागरण
समाचार
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