हर साल करोड़ों रुपए के नोट कट-फट जाते हैं। आरबीआई के पास ऐसे नोटों
का अंबार लगा होता है। ज्यादातर लोग बैंक जाकर कटे-फटे नोट बदल लेते हैं।
लेकिन कभी सोचा है, कि वहां पहुंचने के बाद इन नोटों का क्या होता है।
दरअसल, कटे-फटे नोट को नष्ट करने का खास तरीका होता है। हालांकि, कटे-फटे
नोटों की इसी
परेशानी से बचने के लिए आरबीआई प्लास्टिक के नोट चलन में लाने
के लिए प्रयासरत है। प्लास्टिक के नोट कब तक चलन में आ पाएंगे, ये अलग बात
है। लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि कटे-फटे नोट को नष्ट करने के लिए क्या
किया जाता है: - ऐसे बेकार होते हैं नोट: दरअसल, नोट एक हाथ से दूसरे, दूसरे से तीसरे और फिर इसी तरह अन्य हाथों में जाते रहते हैं। इस बीच कई लोग नोटों पर निशान बना देते हैं। कई लोग अपना नाम, फोन नंबर इत्यादि लिख देते हैं। लगातार हाथ बदलते रहने से ये नोट मुड़ी-मुड़ी और पुरानी दिखने लगती है। कई लोग फटे-पुराने नोट चिपकाकर काम चला लेते हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक 'नोट रिफंड रूल' के तहत फटे-पुराने नोटों को बदलने की सुविधा भी देता है।
- ऐसे नोटों का क्या करता है आरबीआई: आरबीआई के पास लाखों की संख्या में ऐसे नोट जमा हो जाते हैं। इन्हें कमरों रख दिया जाता है। इन नोटों को प्रत्येक वर्ष रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जला देता है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2010-11 में 1,385 करोड़ नोट, जिनका मूल्य 1,78,830 करोड़ रूपए था, उन्हें जला दिया गया। इन क्षतिग्रस्त नोटों को जलाने से काफी धुआं होता है। साथ ही विशेष प्रकार का कागज और स्याही होने के कारण इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए अब इन फटे-पुराने संग्रहित नोटों का उपयोग कलम रखने के स्टैंड, पेपर वेट आदि बनाने में किया जाने लगा है।
- नोट बदलने के लिए होते हैं केंद्र: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐसे नोटों को बदलने के लिए महत्तवपूर्ण स्थानों पर कुछ केंद्र बनाता है। इन केंद्रों को 'करेंसी चैस्ट ब्रांच' कहा जाता है। ऐसे केंद्र बैंक की कुछ शाखाओं में होते हैं। इन केंद्रों पर फटे, मटमैले, विकृत नोटों को अच्छे नोटों से बदला जा सकता है। ये केंद्र विशेष प्रक्रियाओं के तहत उन नोटों को भी स्वीकार करते हैं जो अत्यधिक जले-कटे होने के कारण सामान्य प्रयोग में नहीं लाए जा सकते हैं।
- फटे-पुराने नोटों का विनिमय मूल्य: इन क्षतिग्रस्त नोटों के बदले लोगों को किया जाने वाला भुगतान सिक्कों और दस रूपए के नोटों के जरिए होता है। हालांकि, बदलने के लिए लाए गये वैसे सभी नोट, जिससे जानबूझकर छेड़छाड़ की गई होती है उन्हें नहीं बदला जाता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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