Saturday, November 3, 2018

INLD: सुप्रीमो ने दुष्यंत और दिग्विजय को किया पार्टी से निष्कासित (आजाद)

Click here to enlarge imageClick here to enlarge imageसाभार: जागरण समाचार 
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में चल रही उत्तराधिकार की जंग के बीच पार्टी सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने हिसार के सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला और दिग्विजय सिंह को पार्टी से निकाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला ने शुक्रवार को बड़े बेटे अजय चौटाला के दोनों बेटों को तुरंत प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। उन्होंने दुष्यंत चौटाला को संसद में पार्टी की संसदीय समिति के नेतृत्व से भी हटा दिया है।  
दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह पर 7 अक्टूबर को गोहाना में आयोजित पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय देवीलाल की जयंती उत्सव के दौरान अनुशासनहीनता, हुड़दंगबाजी और पार्टी नेतृत्व के विरुद्ध असंतोष फैलाने वाली नारेबाजी के आरोप लगाए गए थे। इनेलो सुप्रीमो ने अपने निर्देशों में साफ किया कि वास्तव में इस मामले में उन्हें किसी भी दूसरे प्रमाण की जरूरत नहीं थी क्योंकि वह खुद उस दौरान मौके पर उपस्थित थे। उन्होंने अनुशासनहीनता और हुड़दंगबाजी की घटना अपनी आंखों से देखी थी कि कैसे उनके भाषण में भी लगातार व्यवधान डाला गया। इसके बावजूद उन्होंने इस पूरे मामले को अनुशासन समिति को सौंपा था। समिति ने दोनों भाइयों पर आरोपों को सही करार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह उनके अपने परिवार के ही सदस्य थे, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई करना उनके लिए आसान नहीं था। किंतु वह जीवनपयर्ंत जननायक चौधरी देवीलाल के सिद्धांतों और आदशोर्ं पर चलते हुए पार्टी को व्यक्ति विशेष या परिवार के सदस्य से बड़ी मानते हैं। वह इस मामले में अनुशासन कार्रवाई समिति की सिफारिशों से सहमत हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी कार्यालय को निष्कासन के फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया है।
न अनुशासन समिति ने बुलाया और न सुबूत दिए: दादा ओमप्रकाश चौटाला की अपने खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मैंने अनुशासन समिति से अनुशासनहीनता के साक्ष्य मांगे थे। इसके बावजूद अनुशासन समिति ने न तो मुङो पक्ष रखने के लिए बुलाया और न ही कोई साक्ष्य उपलब्ध कराए। मैंने अपनी बात इनेलो सुप्रीमो से मिलकर उनके समक्ष रख दी थी। चौटाला साहब के फैसले को मैं अपने पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला के पास लेकर जाऊंगा। वह जो आदेश देंगे, उसी का पालन करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं घबराने वाला, निराश होने वाला या थकने वाला नहीं हूं।
दुष्यंत चौटाला बने रहेंगे सांसद: इनेलो सुप्रीमो द्वारा सांसद दुष्यंत चौटाला को पार्टी से निकालने के बावजूद उनकी संसद की सदस्यता बची रहेगी। संविधान के अनुसार अगर कोई दल अपने सांसद को पार्टी से निष्कासित करता है तो उसकी लोकसभा की सदस्यता बनी रहेगी। अगर कोई सांसद खुद पार्टी छोड़ता है तो उसकी संसद सदस्यता चली जाती है। ऐसे में हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला की संसद की सदस्यता पर कोई खतरा नहीं। 
अजय के इशारे का इंतजार, पांच को आएंगे बाहर: इनेलो से निष्कासन के बाद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय के सामने नई पार्टी बनाने का विकल्प खुला है। सोलह साल पहले डॉ. अजय चौटाला द्वारा गठित जन नायक सेवा दल को नये सिरे से खड़ा कर दोनों भाइयों ने पूरा कैडर तैयार कर रखा है। पिता डॉ. अजय चौटाला से इशारा मिला तो नई पार्टी बनाने में देर नहीं लगेगी। बता दें कि अजय चौटाला 5 नवंबर को दिल्ली में कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।