साभार: जागरण समाचार
केरल के बहुचर्चित सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर अड़ी भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक और सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई पुणे से कोच्चि एयरपोर्ट पहुंच चुकी हैं। वह सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं की एंट्री के
लिए लड़ाई लड़ रही हैं। उन्होंने शनिवार को मंदिर में प्रवेश कर भगवान अयप्पा के दर्शन का ऐलान किया है। इसके लिए उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री से सुरक्षा भी मांगी है। उधर केरल में उनके इस कदम का कड़ा विरोध हो रहा है। काफी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने कोच्चि एयरपोर्ट को घेर रखा है। इस वजह से तृप्ति फिलहाल एयरपोर्ट में ही फंसी हुई हैं।
वहीं प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि चाहे जो हो जाए मंदिर की शांति को भंग नहीं होने दिया जाएगा। तृप्ति देसाई को विरोधियों की लाश से होकर मंदिर में प्रवेश करना होगा। उन्हें केरल आने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी मिली हुई है। कई लोगों ने आत्महत्या करने की धमकी दी हुई है। तृप्ति देसाई इन दिनों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं। सोशल मीडिया पर वह लगातार ट्रेंड कर रही हैं। क्या आप जानते हैं कि इतने विरोध के बावजूद अपने फैसले पर अड़ी तृप्ति देसाई कौन है?
पहले भी कई मंदिरों में महिलाओं को दिला चुकी हैं प्रवेश: सबरीमाल मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए लड़ी लड़ रहीं तृप्ति देसाई इससे पहले भी कई मंदिरों के दरवाजे महिलाओं के लिए खोल चुकी हैं, जिनमें महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। देश के ऐसे की मंदिरों व धार्मिक स्थलों पर महिलाओं को प्रवेश दिलाने में तृप्ति की अहम भूमिका रही है। 'भूमाता ब्रिगेड' की संस्थापक तृप्ति, सबरीमाला से पहले हाजी अली दरगाह, महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर, नासिक के त्रयंबकेश्वर, कपालेश्वर और कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर के दरवाजे महिलाओं के लिए खुलवा चुकी हैं।
क्रांतीवीरी झोपड़ी विकास संघ की भी अध्यक्ष रहीं: तृप्ति का जन्म कर्नाटक स्थित बेल्जियम जिले के निपानी तलुका में हुआ था। उनकी स्कूलिंग पुणे के विद्या विकास विद्यालय से हुई। आठ साल की उम्र में वह परिवार के साथ कोल्हापुर से पुणे रहने के लिए आ गईं। उन्होंने मुंबई की एसएनडीटी महिला यूनिवर्सिटी में स्नातक के लिए दाखिला लिया, लेकिन पहले ही साल पारिवारिक कारणों से उन्हें कॉलेज छोड़ना पड़ा। इसके बाद तृप्ति 'क्रांतीवीर झोपड़ी विकास संघ' संस्था की अध्यक्ष बनीं और स्लम इलाकों पर काफी काम किया।
चुनाव भी लड़ चुकी हैं तृप्ति: तृप्ति के भूमाता ब्रिगेड संस्था का मुख्यालय मुंबई में है। भूमाता ब्रिगेड की शाखाएं अहमदनगर, नासिक और शोलापुर में भी हैं। इस संस्था से 5000 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई हैं। वह पहली बार वर्ष 2007 में उस वक्त चर्चा में आईं, जब उन्होंने अजीत को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन अजीत पवार पर 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। वर्ष 2010 में उन्होंने भूमाता ब्रिगेड की स्थापना की थी। इसके बाद वह धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटवाने के लिए लड़ने लगीं। 2011 में उन्होंने अन्ना हजारे के IAC (इंडिया अगेंस्ट करप्शन) अभियान में भी हिस्सा लिया था। इसके बाद उन्होंने 2012 के सिविक इलेक्शन में बालाजी नगर वार्ड से बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ा था।
कौन हैं तृप्ति के पति: तृप्ति के पति प्रशांत एयरटेल के फ्रेनचाइजी औल लैंड डीलर हैं। वह और उनका पूरा परिवार गगनगिरी महाराज का शिष्य है। पति प्रशांत के अनुसार तृप्ति सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ बेहद आध्यात्मिक भी हैं। वह सभी धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करती हैं। तृप्ति और प्रसांत का एक बेटा भी है, जिसका नाम योगीराज देसाई है।
तृप्ति से हारे ‘बिग बॉस’: महिलाओं के हक की लड़ाई के लिए की बार चर्चा में रहने वाले तृप्ति देसाई को सितंबर 2016 में जाने-माने रिटलिटी टीवी शो ‘बिग बॉस’ में शिरकत करने का ऑफर मिला था। इस पर तृप्ति ने कहा कि वह बिग बॉस के घर में रहने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी शर्त है कि बिग बॉस के तौर पर घर में किसी पुरुष की नहीं, बल्कि महिला की आवाज का प्रयोग किया जाए। तृप्ति की इस शर्त के आगे बिग बॉस भी हार गए, लिहाजा तृप्ति शो का हिस्सा नहीं बन सकीं। दरअसल बिग बॉस जब से शुरू हुआ है, उसमें बिग बॉस के तौर पर पुरुष की आवाज का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।