Sunday, November 4, 2018

बंसीलाल संपत्ति विवाद: श्रुति का वसीयतनामा कोर्ट में खारिज, संपत्ति पर ट्रस्ट का हक

Image result for shruti chaudhary bansi lalसाभार: जागरण समाचार 
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की संपत्ति को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद में शनिवार को
करीब 12 साल बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन आशुतोष की अदालत ने बंसीलाल की पौत्री श्रुति चौधरी की अपील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने श्रुति चौधरी की वसीयतनामे को नकारते हुए बंसीलाल की संपत्ति को उनके नाम से बनाए गए चौ. बंसीलाल मेमोरियल ट्रस्ट को सौंपने के आदेश दिए हैं। हालांकि इस मामले में पूर्व मंत्री किरण चौधरी व उनकी बेटी श्रुति चौधरी ऊपरी अदालत में अपील दायर करेंगी। सुनवाई के दौरान अदालत खचाखच भरी रही तो बाहर दोनों पक्षों के सैकड़ों समर्थक फैसला आने का इंतजार करते रहे। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की संपत्ति को लेकर उनके बड़े बेटे पूर्व विधायक एवं बीसीसीआइ के पूर्व चेयरमैन रणवीर सिंह महेंद्रा व चौ. बंसीलाल की पौत्री पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के बीच वसीयतनामे को लेकर वर्ष 2006 से विवाद चला आ रहा है। 
31 मार्च 2005 को बंसीलाल के पुत्र सुरेंद्र सिंह की हैलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी। इसके एक साल बाद ही 28 मार्च 2006 को बंसीलाल की भी मौत हो जाने पर उनके परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद छिड़ गया। इस बीच श्रुति चौधरी को पगड़ी पहना कर उनका वारिस भी घोषित किया गया। इसके बाद यह विवाद बढ़ गया था। कोठी खाली करने को लेकर किरण चौधरी व रणवीर सिंह महेंद्रा के बीच लंबा विवाद हुआ। 24 अगस्त 2006 को श्रुति ने भिवानी अदालत में अपील दायर कर अपने दादा बंसीलाल की संपत्ति पर अपना अधिकार जताया था। लंबे समय तक हुई बहस के बाद शनिवार को सीनियर डिवीजन सिविल जज आशुतोष की कोर्ट ने श्रुति चौधरी की अपील को खारिज कर दिया। फैसले की जानकारी देते हुए रणवीर सिंह महेंद्रा पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सरदाना ने बताया कि कोर्ट में विद्यादेवी पक्ष द्वारा वसीयतनामा पेश किया गया, जिसमें चौ.बंसीलाल द्वारा अपनी संपत्ति पत्नी विद्यादेवी के नाम करने व उनकी मौत के उपरांत जनहित में ट्रस्ट बना कर उसको दिए जाने की इच्छा जाहिर की गई थी।