Friday, November 2, 2018

फिक्रमंद नहीं राज्य: प्रदूषण पर बैठक में नहीं पहुंचे हरियाणा-पंजाब के मंत्री

Click here to enlarge imageसाभार: जागरण समाचार 
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर केंद्र और दिल्ली भले ही फिक्रमंद है, लेकिन इस मामले में बाकी राज्यों की कोई
दिलचस्पी नहीं है। इसका अंदाजा गुरुवार को दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की बुलाई गई उस बैठक से लगाया जा सकता है, जिसमें दिल्ली को छोड़ किसी राज्य के पर्यावरण मंत्री नहीं पहुंचे। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री के पहुंचने के पीछे हालांकि मजबूरी छिपी हुई थी, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी इसकी खुद भुक्तभोगी है। राज्यों के गैरजिम्मेदाराना और बेरुखी भरे रवैये से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन नाखुश भी दिखे। वह इसलिए भी नाराज थे, क्योंकि सभी राज्यों को काफी पहले से सूचित किया गया था। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से बैठक के बीच में ही फोन पर बात कर इस गैर मौजूदगी को लेकर आपत्ति दर्ज कराने की कोशिश भी की, लेकिन उनका फोन नहीं लगा। यही वजह रही कि पर्यावरण मंत्रियों के साथ होने वाली यह बैठक घंटे भर में कुछ औपचारिकताओं के साथ खत्म हो गई। बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में डॉ. हर्षवर्धन ने पर्यावरण मंत्रियों के नहीं आने के सवाल पर कहा कि वह इस पर राज्यों से बात करेंगे, लेकिन अभी मौका नहीं है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो आए हैं, उन्हें हमने पेश कर दिया है।
पराली जलाने में आई कमी: पंजाब और हरियाणा में उम्मीदों के मुताबिक पराली जलाने की घटनाओं में रोकथाम नहीं लग पाने के मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक इनमें कमी तो आई है, लेकिन यह गिरावट औसतन 30 फीसद ही है। यह संतोषजनक नहीं है। दोनों ही राज्यों ने इसे 70 से 90 फीसद तक कम करने का दावा किया था।