निर्भया रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाया है। इस खबर से बलिया निवासी निर्भया के परिवार ने राहत की सांस ली। देश को झकझोर देने वाले ऐसे रेप केसों
में कुछ आरोपियों को तो सजा मिली, लेकिन कुछ पर फैसला आना अभी बाकी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हम रेप के कुछ ऐसे ही मामले बता रहे हैं जिन्होंने देश को शॉक्ड कर दिया:
में कुछ आरोपियों को तो सजा मिली, लेकिन कुछ पर फैसला आना अभी बाकी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हम रेप के कुछ ऐसे ही मामले बता रहे हैं जिन्होंने देश को शॉक्ड कर दिया:
- चलती बस में बर्बरता के साथ हुआ था रेप: 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में 23 साल की फिजियोथैरेपी स्टूडेंट निर्भया का चलती बस में गैंगरेप हुआ। वो अपने दोस्त अविंद्र के साथ फिल्म देखकर घर लौट रही थी। रात 9 बजे मुनीरका से दोनों ने चार्टर्ड बस ली थी। बस में उनके अलावा 6 लोग और मौजूद थे। घटना के एकमात्र चश्मदीद गवाह अविंद्र ने बताया था कि बस में बैठे लोग उसपर भद्दे कमेंट्स कर रहे थे। इस बात पर उनकी बस कंडक्टर और क्लीनर से बहसबाजी हुई और बात मारपीट तक आ गई। झगड़े के दौरान उनके सिर पर पीछे से किसी ने रॉड से हमला किया था। जब उसने मेरी हेल्प करने की कोशिश की तो सभी उस पर टूट पड़े थे। छीना-झपटी में निर्भया ने एक आरोपी को धक्का दे दिया था, जिसके बाद गुस्साए आरोपी ने उन्हें लहुलुहान कर दिया। फिर सभी 6 ने रेप किया। बर्बरता की हद पार करते हुए आरोपियों ने रेप के बाद जख्मी लड़की पर लोहे की रॉड से वार किया, जिससे उसकी दोनों आंतें फट गईं। बस में सवार राम सिंह, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर और एक नाबालिग दोषी ने निर्भया और उसके दोस्त के कपड़े उतारकर दोनों को रोड पर फेंका था। इलाज के दौरान 29 दिसंबर 2012 को उसकी मौत हो गई थी। प्रेजेंट स्टेटस - 6 आरोपी अरेस्ट, एकमात्र नाबालिग आरोपी को 3 साल की सजा मिली थी, मुख्य आरोपी रामसिंह ने पुलिस कस्टडी में सुसाइड कर लिया था, बाकी चार आरोपियों को फांसी की सजा।
- आशियाना कॉलोनी लखनऊ: 2 मई 2005 को लखनऊ की आशियाना कॉलोनी में नौकरानी का काम करने वाली 13 साल की लड़की के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया था। पीड़िता के मुताबिक घटना के समय वो अपना काम खत्म कर घर लौट रही थी, तभी रास्ते में 6 लोगों ने उसे खींचकर एक कार में बैठा लिया। उसका चलती कार में रेप किया गया, साथ ही सिगरेट से जलाया भी गया। टॉर्चर से बेहोश हुई पीड़िता को मरा हुआ समझकर आरोपियों ने उसे रोड पर फेंक दिया। प्रेजेंट स्टेटस - 2016 में लखनऊ हाई कोर्ट से मिली मुख्य आरोपी गौरव शुक्ला को 10 साल की कैद
- स्कारलेट गैंगरेप एंड मर्डर: ब्रिटिश मूल की स्कैरलेट कीलिंग का गोवा में गैंगरेप के बाद मर्डर किया गया। 15 साल की स्कारलेट गोवा के टूरिस्ट गाइड जूलियो लोबो को डेट कर रहीं थीं। रेप से पहले उसको ड्रग्स से लैस कॉकटेल पिलाया गया था। उसके बाद बीच पर उससे रेप किया गया। रेप के बाद आरोपियों ने समंदर में डुबाकर उसकी हत्या कर दी और लाश अंजुना बीच पर फेंक दी। डेली मेल में छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कारलेट की बॉडी पर लगभग 50 जख्म के निशान थे, लेकिन पोस्टमॉर्टम में कुल 5 ही दिखाए गए। गोवा अथॉरिटीज की ढिलाई की वजह से स्कारलेट की लाश 4 साल तक मॉर्चुरी में पड़ी रही। हत्या के 4 साल बाद 2012 में उसे दफनाया जा सका। प्रॉड्यूसर सिकंदर खान ने 2011 में स्कारलेट की हत्या पर आधारित फिल्म रिलीज की थी। सितम्बर 2016 में दोनों अभियुक्त बरी भी हो चुके हैं।
- इमराना रेप काण्ड: 14 साल की इमराना की शादी उसके भाइयों ने मुजफ्फरनगर जिले के चार्टवाल गांव निवासी नूर इलाही से करवाई थी। छोटी उम्र में इमराना पर घर चलाने की जिम्मेदारी थी। 10 साल में उसने 5 बच्चों को जन्म दिया। 3 जून 2005 की रात इमराना का पति नूर किसी काम से गांव से बाहर गया था। रात में जब वो अपने बच्चों के साथ सो रही थी, तभी उसका ससुर अंधेरे का फायदा उठाकर उसके बिस्तर में घुस आया। बहू से उम्र में 41 साल बड़े अली मोहम्मद ने तमंचा निकालकर उसकी कनपटी पर रख दिया और धमकी दी कि यदि उसने आवाज की तो वह उसके साथ पांचों बच्चों को भी मार देगा। इमराना की बेबसी का फायदा उठाकर अली ने उसके साथ रेप किया। ससुर की हवस का शिकार बनने के बाद रोती-बिलखती इमराना मदद मांगने अपनी सास और ननद के पास गई। जब इमराना ने अली मोहम्मद की करतूत बताई तो उसकी सास और ननद उसी के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने लगीं। वे कह रही थीं कि इस बात को यहीं दबा दो, परिवार को बदनाम मत करो। सास द्वारा मदद से इनकार सुनने के बाद इमराना चुपचाप नहाने चली गई और खून से सने अपने कपड़े धो लिए। अगले दिन सुबह जब इमराना की भाभी उससे मिलने पहुंची तो उसने अपना दर्द सुनाया। बहन के रेप की बात सुनकर इमराना के भाई गुस्से में आ गए और अली मोहम्मद के पास गुनाह कुबूल करवाने पहुंच गए। बात आग की तरह गांव में फैली और आनन-फानन में अंसारी कम्युनिटी की पंचायत बुलाई गई। पंचायत ने इमराना को कहा कि उसने ससुर के साथ संबंध बनाए हैं। भले ही संबंध उसकी मर्जी से नहीं बने, लेकिन इस वजह से अब वो अपने पति के साथ नहीं रह सकती। उसे अब अपने ससुर को पति और नूर को अपना बेटा मानना होगा। इमराना ने पंचायत का फरमान नहीं माना। इसमें उसके पति नूर ने भी उसका साथ दिया। दोनों ने मिलकर अली मोहम्मद के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज करवाई। 30 जून को पुलिस ने इमराना के मेडिकल टेस्ट के बाद अली मोहम्मद के खिलाफ केस दर्ज किया। 19 महीने की कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने अली मोहम्मद को 10 साल जेल की सजा सुनाई। 17 जुलाई 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 70 साल के अली मोहम्मद को बेल पर छोड़ दिया गया। कोर्ट का मानना था कि वो 13 जून 2005 को हुई गिरफ्तारी के बाद से 8 साल की सजा काट चुका है।
- अजमेर कांड: 1992 में एक गैंग ने 100 स्कूली लड़कियों से दोस्ती कर उनका रेप किया था। वो गैंग रेप करने के बाद लड़कियों की आपत्तिजनक फोटो-वीडियो खींचकर उनका शोषण करता था। महज एक दर्जन लड़कियों ने रेप की रिपोर्ट पुलिस में की थी, जिनमें से 10 बाद में केस से पीछे हट गईं। इस केस में इंडियन यूथ कांग्रेस नेता फारूख चिश्ती पर भी रेप चार्जेस लगे थे, लेकिन उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर बता कर बरी करवा दिया गया। आठ आरोपी इस मामले में गिरफ्तार किए गए और इनमें से चार को आजीवन और 3 को दस साल का कारावास दिया गया।
- अरुणा शानबाग काण्ड: 27 नवम्बर 1973 को अरुणा मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल में नर्स का काम करती थीं। उसी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर से उनकी शादी होने वाली थी। 27 नवंबर 1973 को हॉस्पिटल के सोहनलाल वाल्मिकी नाम के स्वीपर ने बेसमेंट में तब अटैक किया जब वो शिफ्ट खत्म होने के बाद ड्रेस चेंज के लिए गईं थीं। सोहनलाल ने अरुणा को कुत्ते की चेन से बांधकर अप्राकृतिक सेक्स करने की कोशिश की थी। चेन बंधने के कारण उनके ब्रेन को ऑक्सीजन की सप्लाई कट गई थी, जिससे वे कोमा में चली गईं। 42 साल तक कोमा में रहने के बाद 18 मई 2015 को उसी हॉस्पिटल में उनका निधन हुआ।
- कंधमाल गैंगरेप: 2008 में हुई ओडिशा एंटी-कैथोलिक हिंसा के बीच 28 वर्षीय नन मीना ललिता बारवा के साथ गैंगरेप किया गया। पुलिस द्वारा केस को दरकिनार किए जाने के बाद मीना ने खुद मीडिया के सामने आकर अपनी आपबीती सुनाई थी। नन के मुताबिक 24 अगस्त 2008 को वह चर्च में प्रार्थना कर रही थी। प्रार्थना के बीच में लगभग 50 आदमी हाथों में लाठी, कुल्हाड़ी और लोहे की रॉड लिए चर्च के अंदर घुस आए। चर्च में घुसी दंगाई भीड़ से डर कर नन मीना और उसके पादरी पिता वहां से भाग गए। मीना अपने पिता फादर थॉमस के साथ एक दिन तक छुपी रही। अगले दिन 25 अगस्त 2008 को दंगाइयों ने नन को ढूंढ निकाला और उसे घसीटते हुए खंडहर बन चुके जन विकास एनजीओ की बिल्डिंग में ले गई। वहां दंगाइयों ने मिलकर उसके साथ रेप किया और फिर उसे घसीटते हुए बाहर ले गए और पादरी के साथ पब्लिक के बीच घुमाया। नन मीना ने बताया कि उस वक्त वहां पुलिस बल भी मौजूद था। वह मदद की भीख मांगती रही, लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। ओडिशा में हुई उस हिंसा में 60 क्रिश्चियन मारे गए थे, वहीं 50 हजार से अधिक बेघर हो गए थे। नन ने इस घटना की एफआईआर लिखवाई, जिसके बाद उसे मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए भेजा गया। एग्जामिनेशन की रिपोर्ट पुलिस ने 38 दिन बाद जारी की। रिपोर्ट में रेप साबित होने के बाद उसकी तहरीर के आधार पर चार आदमियों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन अब तक किसी को सजा नहीं हो पाई है। केस सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है।
- सौम्या रेप केस: 1 फरवरी 2011 को सौम्या एर्नाकुलम पैसेंजर ट्रेन के लेडीज कंपार्टमेंट में चढ़ी थी। कंपार्टमेंट में अन्य कोई सवारी नहीं थी। ट्रेन चलने के आधा घंटे बाद 33 साल का गोविंद लूट के इरादे से अंदर घुसा और उसने सौम्या पर हमला बोल दिया। सौम्या के बचाव करने पर गोविंद को गुस्सा आ गया और उसने उसका सिर दीवार पर दे मारा। उसके बाद उसने सौम्या को धक्का दे दिया और फिर खुद भी ट्रेन से कूद गया। ट्रेन से कूदने के बाद गोविंद ने सौम्या को 200 मीटर पैदल चलकर ढूंढा। सौम्या के सिर से खून बह रहा था। लहुलुहान हालत में आरोपी उसे उठाकर जंगल की तरफ ले गया, जहां उसने उसका बेरहमी से रेप किया। रेप के बाद वह उसे वहीं छोड़कर भाग गया। 6 फरवरी 2011 को सौम्या की इलाज के दौरान मौत हो गई। 23 साल की सौम्या अपने परिवार की रीढ़ थी। उसके पिता घटना से 5 साल पहले ही परिवार को छोड़कर चले गए थे। मां बर्तन मांजने का काम करती है और भाई ड्राइवर है। सौम्या का सपना था कि वो होटल मैनेजमेंट का कोर्स करे। उसका एडमिशन भी हो गया था, लेकिन घर की हालत देखते हुए उसने इरादा बदल लिया। सौम्या को दिसंबर 2010 में कोच्चि के शॉपिंग मॉल में सेल्स गर्ल की नौकरी मिली थी, जिसके लिए वह अपना घर छोड़कर कोच्चि आ गई। सौम्या वीकेंड पर अपने घर थ्रिसुर ट्रेन से जाती थी। घटना की रात भी वह घर जाने के लिए ही ट्रेन में चढ़ी थी। उसकी मां ने उसकी शादी के लिए रिश्ता देखा था। उसी लड़के से मिलने वह घर लौट रही थी, लेकिन उसका वह सफर जिंदगी का अंतिम सफर बन गया।
- शक्ति मिल गैंगरेप: - 22 अगस्त 2013 को 22 साल की फोटोजर्नलिस्ट का शक्ति मिल कंपाउड में 5 लोगों ने गैंगरेप किया था। रेप पीड़िता की गर्दन पर टूटी बियर की बोतल रखकर किया गया। पीड़िता अपने कलीग के साथ शक्ति मिल कुछ तस्वीरें खींचने गई थी। रेप के बाद दोषियों ने पीड़िता और उसके दोस्त से क्राइम सीन की सफाई करवाई। साथ ही पीड़िता की 2 न्यूड फोटो भी क्लिक कीं। रेप के बाद दोषियों ने पीड़िता और उसके दोस्त को रेलवे ट्रैक पर छोड़ा था। अप्रैल 2014 में तीन अभियुक्तों को फांसी और दो को उम्रकैद की सजा सूना दी गई है।
- अंजना मिश्रा रेप केस: अंजना मिश्रा कटक के आईएफएस अफसर की पत्नी थीं। 9 जनवरी 1999 को अंजना अपने पत्रकार दोस्त के साथ कार से भुवनेश्वर जा रही थीं। बारंग के पास उनकी कार को 3 लोगों ने रोका और उनके साथ रेप किया। अंजना ने रेप होने के दो साल पहले ओडीशा के तत्कालीन सीएम जेबी पटनाइक और पूर्व एडवोकेट जनरल इंद्रजीत रेय पर रेप अटेंप्ट का आरोप लगाया था। रेप के बाद उन्होंने ने दोनों पर साजिश रचने का आरोप लगाया।
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साभार: भास्कर समाचार
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