Saturday, May 13, 2017

ईवीएम में छेड़छाड़ साबित करने का मिलेगा मौका; अगले लोकसभा चुनाव में वीवीपैट - मुख्य चुनाव आयुक्त

केंद्रीय चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ के दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि वह जल्द ही इस संबंध में चुनौती देने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने वाला है। इसमें राजनीतिक दलों को ईवीएम से
छेड़छाड़ करके अपने दावे को साबित करने का चैलेंज दिया जाएगा। हालांकि इसकी कोई तारीख फिलहाल नहीं बताई गई है। आयोग ने बताया कि अगले लोकसभा चुनाव में वीवीपैट (वोटर वैरिफाइएबल पेपर आडिट ट्रेल सिस्टम) पूरी तरह से लागू किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार को राजनीतिक दलों के साथ बुलाई गई बैठक गहमागहमी से भरी रही। बसपा, राजद, भाकपा, रालोद, शिव सेना और आप सहित 16 राजनीतिक दलों ने चुनाव फिर से मतपत्रों के जरिए ही करवाने की मांग की है।
बैठक पूरे साढ़े सात घंटे चली और इस दौरान सात राष्ट्रीय और 35 राज्य स्तरीय पार्टियों ने खुल कर अपनी बातें रखीं। बैठक के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, ‘अगले लोकसभा चुनाव में वीवीपैट व्यवस्था पूरी तरह लागू कर दी जाएगी। आयोग जल्द ही सभी राजनीतिक दलों को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों को हैक करके दिखाने की चुनौती देगा। इस चुनौती में उन्हें यह साबित करने का मौका दिया जाएगा कि हाल में हुए पांच राज्यों के चुनाव के दौरान ईवीएम से कोई छेड़छाड़ हुई थी। इसी तरह वे यह भी साबित कर सकते हैं कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी की जा सकती है।’ इस बैठक की शुरुआत में ही जैदी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से साफ कहा कि ईवीएम के साथ कोई गड़बड़ी संभव ही नहीं है। बैठक के दौरान जैदी के विस्तृत बयान और आयोग के महानिदेशक सुदीप जैन के प्रजेंटेशन के बावजूद बहुत से राजनीतिक दल संतुष्ट नहीं थे। इन 16 दलों का कहना था कि जिस तरह का अविश्वास का माहौल ईवीएम को लेकर बना है, उसे देखते हुए सभी चुनाव पूरी तरह मतपत्रों से ही कराए जाएं। बसपा के सतीष चंद्र मिश्र ने कहा कि चुनाव में गड़बड़ी रोकने के लिए मतदान मतपत्रों से ही होने चाहिए। राजद के मनोज झा ने कहा कि आयोग चुनाव प्रक्रिया की शुचिता का ध्यान रखने के बजाय एक उपकरण की प्रतिष्ठा कायम रखने में जुटा है।
शिवसेना भी ईवीएम विरोधी: केंद्र में सत्तारूढ़ राजग के घटक दल शिव सेना ने भी ईवीएम का विरोध किया। इसके नेता अनिल देसाई ने कहा कि बाला साहेब ने ईवीएम को खत्म करने की मांग की थी। वोटिंग मशीन से गिनती जरूर जल्दी हो जाती है। लेकिन जब बात लोकतंत्र के भविष्य की हो तो एक-दो दिन का इंतजार कोई बड़ी बात नहीं है।
ईवीएम पर शंका - कांग्रेस: सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मामले पर कुछ भी कहने में काफी सावधानी बरती। इसकी ओर से बैठक में भाग ले रहे विवेक तन्खा ने कहा कि ईवीएम पर लोगों में शंका पैदा हो रही है, इसे दूर करना बेहद जरूरी है। कांग्रेस ने सीधे मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग नहीं की।
अकाली नहीं मानते ईवीएम में गड़बड़ी: भाजपा के भूपेंद्र यादव ने कहा कि अधिकांश दल ईवीएम के साथ वीवीपैट की व्यवस्था से बेहद संतुष्ट हैं। सरकार ने इसे समय से पूरा करने के लिए धन का प्रावधान भी कर दिया है। जबकि भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि इस चुनाव में हमारी करारी हार हुई है, इसके बावजूद हम मानते हैं कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।
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साभार: जागरण समाचार 
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