सरकार ने देशभर में 50 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा की है, जबकि एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय विद्यालयों में प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के 20 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं। शिक्षकों की कमी है और
स्टाफ के खाली पदों की संख्या 19 साल में सबसे ज्यादा है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने की कोई योजना नहीं है।
केंद्रीय विद्यालयों में प्रिसिपल के 200 पद खाली, वाइस प्रिंसिपल के भी 24% पद रिक्त: हाल ही में केंद्रीय विद्यालय द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देशभर में करीब 200 केंद्रीय विद्यालयों में प्रिंसिपल के पद रिक्त हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में प्रिंसिपल के 1 हजार 81 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 881 पद भरे हुए हैं। वहीं केंद्रीय विद्यालयों में वाइस प्रिंसिपल के भी करीब 24 फीसदी पद रिक्त हैं। रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय विद्यालयों में वाइस प्रिंसिपल के 476 स्वीकृत पदों में से 113 पद रिक्त हैं। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले मानव संसाधन विकास मंत्री ने जानकारी दी थी कि देशभर के केंद्रीय विद्यालयों में 10 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं, जिसमें टीजीटी, पीजीटी और पीआरटीएस शिक्षक शामिल हैं। वहीं कुल स्टाफ के पदों को शामिल किया जाए, तो यह संख्या और भी ज्यादा है।
लगातार बढ़ रही स्टाफ की कमी: केंद्रीय विद्यालय समिति की रिपोर्ट के अांकड़ों पर गौर करें तो सामने अाता है कि पिछले 19 वर्षों में केंद्रीय विद्यालयों में स्टाफ की सबसे ज्यादा कमी अभी ही है। 1996-17 में केंद्रीय विद्यालयों में कुल 45 हजार 170 स्वीकृत पद थे, जिसमें से 4 हजार 408 पद रिक्त थे। 2006-07 में कुल 45 हजार 942 पद स्वीकृत थे, जिसमें से 6 हजार 783 पद रिक्त थे। इसके बाद से रिक्त पदों की संख्या लगातार बढ़ी है। अब हालत यह है कि 2015-16 में 56 हजार 4 स्वीकृत पद थे, जिसमें से 14 हजार 144 पद रिक्त हैं। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय समिति के अंतर्गत 1 हजार 142 केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं।
टीजीटी के 4 हजार से ज्यादा पद खाली: केंद्रीय विद्यालयों में पीजीटी शिक्षकों के कुल 9993 पद हैं, जिसमें से 2 हजार 36 पद खाली हैं। पीजीटी शिक्षकों में सबसे ज्यादा 316 रिक्त पद फिजिक्स के शिक्षकों के हैं। इसके बाद 313 पद केमिस्ट्री के शिक्षकों क खाली हैं। इसके अलावा मैथ्स के 231, हिन्दी शिक्षकों के 226, इंग्लिश के 206 और इकोनॉमिक्स के 204 पीजीटी शिक्षकों के पद रिक्त हैं। वहीं टीजीटी शिक्षकों के 17 हजार 104 में से 4 हजार 335 पद खाली हैं। टीजीटी शिक्षकों में इंग्लिश के 731, मैथ्स के 702, सोशल स्टडीज़ के 683, हिन्दी के 617 और बायोलॉजी के 526 शिक्षकों की कमी है।
जेएनवी में भी 2 हजार से ज्यादा शिक्षक नहीं: शिक्षकों के रिक्त पदों की समस्या देशभर के जवाहर नवोदय विद्यालयों में भी है। नवोदय विद्यालयों में प्रिंसिपल के कुल 589 स्वीकृत पदों में से 125 पद खाली हैं, जबकि 53 स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल नहीं हैं। इसके अलावा देशभर के नवोदय विद्यालयों में शिक्षकों के 2 हजार 23 और अन्य स्टाफ के 1 हजार 734 पद रिक्त हैं। शिक्षकों के रिक्त पदों में 999 पद पीजीटी शिक्षकों के और टीजीटी शिक्षकों के 1 हजार 24 पद हैं।
अभी तक कोई स्पष्ट योजना नहीं: इन पदों पर नियुक्ति के लिए अभी तक किसी स्पष्ट योजना की जानकारी नहीं है। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने देशभर में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके अनुसार 50 नए केंद्रीय विद्यालय शुरू किए जाएंगे और इनके लिए 650 पदों की स्वीकृति दी गई है। इन नए केंद्रीय विद्यालयों से 50 हजार छात्रों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन पुराने स्कूलों में स्टाफ और शिक्षकों की कमी दूर करने के सरकारी प्रयास अब तक सफल नहीं रहे हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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