हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड नकल रोकने के लिए प्रदेश के सभी उपायुक्तों, व उपमंडल अधिकारियों, जिला शिक्षा व जिला मौलिक शिक्षा, उप जिला व ब्लाक शिक्षा अधिकारियों के उड़नदस्ते नकल रोकने के लिए गठित
करता है। इस पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन परिणाम निराशाजनक होता है। जहां बोर्ड के उड़नदस्तों ने दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा में अब तक करीब साढ़े चार हजार यूएमसी (अनफेयर मींस केसेज) बनाए हैं, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों के 163 उड़नदस्तों ने सिर्फ 854 यूएमसी ही बनाए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बता दें कि प्रशासनिक अधिकारियों के उड़नदस्तों को 20-20 हजार रुपये एडवांस भी दिए गए, जिससेवे चेकिंग अभियान के दौरान खर्च कर सकें। बोर्ड प्रशासन हर उड़नदस्ते को वाहन के खर्च के रूप में एक-एक हजार रुपये व उड़नदस्ते में तैनात होने वाले 3 सदस्यों को 100-100 रुपये भुगतान करता है। कुल मिलाकर यह रकम 60 लाख से ज्यादा होती है। यह बात अलग है कि इतना खर्च करने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों के उड़नदस्ते नकलची छात्रों को पकड़ने में रुचि नहीं लेते। यूएमसी बनाने में इन अधिकारियों के योगदान की फाइल लगभग खाली पड़ी है। दूसरी तरफ बोर्ड के उड़नदस्तों ने साढ़े चार हजार से अधिक यूएमसी बनाए हैं।
163 उड़नदस्तों ने बनाए 854 यूएमसीअधिकारियों के उड़नदस्तों द्वारा यूएमसी न के बराबर बनाए गए हैं। बोर्ड प्रशासन अगली बार विचार करेगा कि डीसी, एसपी व एसडीएम के उड़नदस्ते बनाए जाए या नहीं। - डॉ. जंगबीर सिंह, चेयरमैन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी
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साभार: जागरण समाचार
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