Monday, April 10, 2017

चुनाव आयोग का जवाब: निर्माता भी चाहे तो नहीं कर सकता ईवीएम से छेड़छाड़

चुनावों के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी किए जाने संबंधी विपक्षी दलों की आशंकाओं पर निर्वाचन आयोग ने सफाई दी है। उसने कहा है कि वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। ये इतनी
मजबूत हैं कि यदि निर्माता भी चाहे तो इनमें कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है। विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने के मद्देनजर चुनाव आयोग ने सभी आशंकाओं का सवाल-जवाब के क्रम में उत्तर दिया है। जैसे ईवीएम को क्या हैक किया जा सकता है? आयोग ने इसका जवाब ‘नहीं’ में दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
हैकिंग संभव नहीं: उसने स्पष्ट किया है कि एम1 (मॉडल वन) ईवीएम का उत्पादन 2006 तक किया गया। इसमें वह सभी तकनीकी फीचर थे, जिससे इसे हैक किया जाना संभव नहीं था। 2006 के बाद एम2 (मॉडल टू) ईवीएम तैयार की गईं। 2012 तक इनके ‘की कोड की डायनेमिक कोडिंग’ कर इन्हें तकनीकी रूप से और भी उन्नत किया गया ताकि बटन दबाने पर संदेश बैलेट यूनिट से कंट्रोल यूनिट तक कूट भाषा (एनक्रिप्टेड फार्म) में पहुंचना सुनिश्चित हो जाता है।
कंप्यूटर नियंत्रित नहीं ईवीएम: आयोग ने यह भी साफ किया है कि उसका ईवीएम कंप्यूटर नियंत्रित नहीं है। यह इंटरनेट अथवा किसी भी दूसरे नेटवर्क से नहीं जुड़ी हैं। इसे रिमोट से हैक नहीं किया जा सकता है।1इसके अलावा इन मशीनों में फ्रीक्वेंसी रिसीवर या वायरलेस डाटा के लिए डिकोडर नहीं है। लिहाजा इनको किसी भी दूसरे उपकरण से नहीं जोड़ा जा सकता है। ऐसे में वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ करना संभव ही नहीं है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार 
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