हरियाणा के 16.17 लाख समेत देशभर के किसान परिवारों के लिए अच्छी खबर है। पिछले साल की तरह इस साल भी मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। देश के ज्यादातर इलाकों में अच्छी बारिश होगी। मौसम विभाग
ने इस साल के पहले पूर्वानुमान में यह उम्मीद जताई है। विभाग के डायरेक्टर जनरल केजे रमेश ने मंगलवार को बताया कि जून से सितंबर के दौरान देश में 96% बारिश होगी। इसमें 5% की घट-बढ़ हो सकती है। 96% से 104% बारिश होने को 'सामान्य', 104% से अधिक बारिश को 'सामान्य से ज्यादा' और 96% से कम बारिश को 'सामान्य से कम' मानसून की श्रेणी में रखा है। 90 से कम पर सूखा कहा जाता है। डीजी ने कहा, 'अलनीनो दिसंबर 2016 में अपनी चरम स्थिति के बाद कमजोर होता गया है। अभी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर पर उदासीन बना हुआ है। अगस्त-सितंबर तक कमजोर ही रहेगा। 27 मार्च को निजी एजेंसी स्काईमेट ने पूर्वानुमान में कहा था कि मानसून के दौरान 95% बारिश होगी, जो 'सामान्य से कम' है।
अच्छेमानसून की वजह- इंडियन ओशियनिक डायपोल: मौसम विभाग का कहना है कि इस बार अलनीनो का असर नहीं है। अलबत्ता इंडियन ओशियनिक डायपोल (आईओडी) का मानसून पर असर दिख सकता है। पिछले 15 सालों में जब अलनीनो सक्रिय रहा उस समय आम तौर पर बारिश कम हुई है। लेकिन इन 15 मौकों में से 4 साल ऐसा संयोग बना, जिसमें अलनीनो के साथ आईओडी की परिस्थितियां भी बनी थीं। इन 4 साल में 1957 और 1963 में बारिश 98-98% हुई और 1997 में 102% रही। सिर्फ 1991 में बारिश सामान्य से कम (91%) रही थी। इस आंकड़े के आधार पर भी यह उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल मानसून सामान्य रहेगा। मौसम विभाग अलनीनो और आईओडी पर निगरानी के लिए प्रशांत महासागर और हिंद महासागर की सतह की स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। ताकि अगला पूर्वानुमान और सटीक हो।
- देश के कुल खाद्य उत्पादन का 40% समय से होने वाली बारिश पर निर्भर है। वहीं जून से सितंबर तक की मियाद वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून देश की कुल बारिश का 80% पानी देता है। अच्छे मानसून से खरीफ फसल की अच्छी पैदावार होती है। उससे गांवों में खपत और क्रय क्षमता बढ़ती है। इससे पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित है। कंपनियां मानसून के आकलन से अपना प्रोडक्शन घटाने-बढ़ाने का फैसला करती हैं।
- अच्छे मानसून की भविष्यवाणी पर रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती का फैसला करता है। इसके जरिए कारोबारी गतिविधियां तेज करने की कोशिश होती है। अच्छी पैदावार से महंगाई भी काबू में आती है। इससे भी रिजर्व बैंक को मदद मिलती है।
- अच्छा मानसून बाइक, स्कूटर, कार, ट्रैक्टर, खेती के उपकरण जैसी चीजें बनाने वाली कंपनियाें के प्रोडक्शन में 15 से 20% का असर डालता है।
मानसून एक जून को दक्षिणी राज्य केरल में दस्तक देता है और पश्चिमी राज्य राजस्थान से सितंबर अंत तक विदा होता है। अलनीनो के कारण देश के ज्यादातार इलाकों में लगातार दो साल (2014 और 2015) में सूखे की स्थिति बनी थी। पिछले साल मानसून अच्छा रहा था। तब विभाग ने 106% बारिश का अनुमान लगाया था। पर सामान्य के मुकाबले 97% बारिश हुई थी। हरियाणा में जून के आखिरी या जुलाई के पहले हफ्ते में मानसून आता है। यहां मानसून सीजन (जून से सितंबर) में औसतन 457.8 एमएम बारिश होती है। पिछले साल रेवाड़ी, फरीदाबाद झज्जर में सामान्य से अधिक और शेष जिलों में 5 से 68% तक कम बरसात हुई थी।
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साभार: भास्कर समाचार
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