इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में गांव की सबसे अधिक पढ़ी-लिखी दिव्यांग या नेत्रहीन लड़की ध्वजारोहण करेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई स्वर्ण जयंती कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। किसी गांव में एक से ज्यादा साक्षर
दिव्यांग लड़कियां हुईं तो अधिक दिव्यांग को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का मौका मिलेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रशासनिक सचिवों की बैठक में निर्णय लिया गया कि लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए निर्मित नए राजकीय महिला महाविद्यालयों के भवनों का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री करेंगे। इसके अलावा प्रस्तावित नए राजकीय महिला महाविद्यालयों का शिलान्यास 22 जनवरी को कराया जाएगा। पिछले साल इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू किया था। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि युवाओं को नशे से दूर करने के लिए सेमिनार किए जाएं। इनमें ऐसे अभिभावकों को भी आमंत्रित किया जाएगा जो कभी नशे के आदी थे। वे नशे की लत पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान में अपने सुझाव दे सकेंगे। साथ ही बेसहारा, बुजुर्ग, निराश्रितों और अनाथों के लिए भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।राज्य में विकसित किए जा रहे स्वर्ण जयंती पाकोर्ं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आरंभ में चिह्न्ति किए गए दो या तीन पाकोर्ं को संबधित निकाय की सहायता से विकसित किया जाए। प्रशासनिक सचिवों से कहा कि सुशासन के क्षेत्र में सभी विभागों की बेहतरीन कार्यप्रणाली की रूपरेखा तैयार कर इसे एक पुस्तिका के रूप में संकलित करें। उन्होंने कहा कि सुशासन दिवस पर कुछ नई ऑनलाइन सेवाएं आरंभ की जाएंगी।
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साभार: जागरण समाचार
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