पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई पर प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट के खंड दो को सीलबंद लिफाफे में पेश करे। हुआ यह कि बुधवार को सुनवाई शुरू होते ही हरियाणा सरकार ने एसआइटी की जांच से जुड़ी सील बंद स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। इसके साथ ही प्रकाश सिंह
कमेटी की दो खंडो की रिपोर्ट में से पहला खंड पेश किया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस पर न्यायालय मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा जो इंटेलीजेंस फेल्योर से जुड़ा है, वह भी कोर्ट को सौंपा जाना चाहिए। इसके जवाब में हरियाणा सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि प्रकाश सिंह ने इंटेलीजेंस से जुड़े तथ्य होने के कारण इस खंड को सार्वजनिक नहीं करने को कहा था। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान इस रिपोर्ट की गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए सीलबंद कर इसे कोर्ट में सौंपा जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि मुरथल केस के कारण जाट आरक्षण से जुड़े अन्य केस की सुनवाई को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
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साभार: जागरण समाचार
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