Wednesday, June 1, 2016

जाट आंदोलन: लोग रो रहे थे, अफसर सो रहे थे - प्रकाश आयोग

रोहतक जिले के आमजन, नेता और अफसरों को जिस घड़ी का इंतजार था, आखिर वह घड़ी आ ही गई। रोहतक समेत प्रदेश के कई जिलों में हुई हिंसा की जो जांच चल रही थी उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई। यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की कमेटी ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। रिपोर्ट में अकेले रोहतक के 300 लोगों के बयान लिए गए हैं जिसमें आमजन, अफसर और न्यायाधीश शामिल हैं। यह
पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हर किसी ने अपने बयान में अफसरों के खिलाफ आग उगली हुई है। सभी की जुबान पर एक ही बात है कि आमजन तो त्रस्त था। उपद्रवी मस्त थे और अफसर गायब थे। न्यायाधीशों के बयानों में तो यहां तक कहा गया है कि उपद्रवियों को खाने पीने से लेकर नहाने तक का सामान उपलब्ध कराया जा रहा था, जबकि आमजन अपने घर में कैद होकर रह गया था और खाने पीने की वस्तुओं का भी अभाव हो गया था।
रोहतक में 25 जगह रोड जाम व चार जगह रेलवे ट्रैक जाम: पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की कमेटी के द्वारा सार्वजनिक की गई रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में 273 स्थानों पर जाट आरक्षण के दौरान जाम लगाए गए। अकेले रोहतक में 25 स्थानों पर जाम लगाए गए।
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साभारजागरण समाचार 

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