Wednesday, May 11, 2016

134A: हर गरीब बच्चे को मिलेगा दाखिला

हरियाणा में गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त दाखिला मिलने का रास्ता साफ हो गया है। राज्यभर से चंडीगढ़ पहुंचे अभिभावकों को सरकार ने दाखिला दिलाने का भरोसा दिया है। मूल्यांकन परीक्षा में 55 फीसद अंक हासिल करने वाले गरीब बच्चों को पहले दाखिला मिलेगा। इसके बाद कम अंक वाले बच्चों के दाखिले
होंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा से मिलने पहुंचे गरीब अभिभावकों की सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से बातचीत हुई। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में अभिभावक पहले शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के आवास पर गए। भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन के साथ मीटिंग के चलते मंत्री से उनकी बातचीत नहीं हो सकी। कुछ अभिभावक सीएम निवास पर पहुंचे। वहां मीटिंग की वजह से अभिभावक सीएम से नहीं मिल सके। सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने अभिभावकों को उनकी हर मांग पूरी करने का भरोसा दिलाया। सत्यवीर हुड्डा ने बताया कि जो बच्चे मूल्यांकन परीक्षा नहीं दे पाए और जिनके रोल नंबर नहीं मिले थे, उन सभी को एक बार फिर परीक्षा का मौका दिया जाएगा। इसका शेड्यूल एक सप्ताह में जारी होगा। प्रदेश सरकार पहले 55 फीसद फिर इससे कम अंकों वाले बच्चों के दाखिले प्राइवेट स्कूलों में कराएगी। हुड्डा के अनुसार प्रधान सचिव ने हर स्कूल से सीटों का ब्योरा तलब करने की बात कही है।
हाईकोर्ट पहुंचा 134ए का मामला: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हरियाणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को 16 मई के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले में याचिकाकर्ता के वकील पंकज मैनी ने हरियाणा सरकार द्वारा 134ए के तहत स्कूलों में प्रवेश करने के आदेश को चुनौती दी है। मैनी ने बेंच को बताया कि हरियाणा सरकार नियमों को ताक पर रखकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ 134ए के तहत प्रवेश देने के लिए स्कूलों को मजबूर कर रही है। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को 10 फीसद सीट व जिस स्कूल को हुडा की तरफ से जमीन अलाट की गई है, उसे 20 फीसद सीट पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्रवेश देने के आदेश जारी किए। इतना ही नहीं सरकार ने एक आदेश जारी कर प्रवेश की एवज में सरकार की तरफ से किए जाने वाले भुगतान पर कोर्ट के आदेश के खिलाफ नीति के तहत भुगतान करने का आदेश जारी किया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार मामले में किसी भी नियम की पालना नहीं कर रही है। आरटीई के तहत कहीं भी ऐसा नियम नहीं है कि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्रवेश देने के लिए किसी तरह की परीक्षा का आयोजन किया जाए। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.