हर कोई अपने फोन को सेफ तो रखना चाहता है, लेकिन इसके बाद भी वो कुछ ना कुछ ऐसी गलतियां करता है, जिससे उससे फोन और डाटा की सिक्युरिटी खतरे में आ जाती है। हम आपको 6 ऐसी ही गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे बचकर आप अपने फोन को गलत हाथों में जाने से बचा सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
- फोन का ट्रैकिंग फंक्शन ऑफ होना: कई लोग फोन का ट्रैकिंग फंक्शन ऑन नहीं रखते हैं, जबकि फोन को सेफ रखने का ये सबसे बेहतर तरीका है। अगर आपके फोन का ट्रैकिंग फंक्शन ऑफ है तो आप उसके गुम हो जाने पर ना तो उसकी लोकेशन ट्रैक कर पाएंगे, ना ही उसका डाटा डिलीट कर पाएंगे। फोन की सिक्युरिटी के लिए आप अपने फोन का ट्रैकिंग फीचर ऑन कर दें, ताकि जरूरत पड़ने पर आप फोन को लॉक करते हुए उसका डाटा डिलीट कर सकें।
ट्रैक फीचर ऑन करने का तरीका: इस फीचर को ऑन करने के लिए आपको अपने एंड्रॉइड फोन के गूगल सेटिंग ऐप (रेगुलर सेटिंग्स ऐप से अलग है) में जाकर Security पर टेप करना होगा। अब एंड्रॉइड डिवाइस मैनेजर में "Remotely locate this device" और "Allow remote lock and erase" दोनों को ऑन करना होगा। इन दोनों सेटिंग्स को ऑन करने के बाद आप अपने किसी भी कम्प्यूटर से अपने फोन को ट्रैस कर सकते हैं। साथ ही चोरी होने या गुम होने पर फोन का डाटा डिलीट भी कर सकते हैं। आई फोन यूजर्स अपने मोबाइल में Find My iPhone फीचर को ऑन करते हुए मेप पर अपने फोन को ट्रेस कर सकते हैं, लॉक कर सकते हैं और डाटा डिलीट कर सकते हैं।
- फोन और ऐप्स को अपडेट ना करना: अपने मोबाइल को सिक्योर करने का सबसे आसान तरीका ये है कि आप उसे पूरी तरह से अपडेट रखें। हैकर्स के लिए आउटडेटेड ऐप्स और सॉफ्टवेयर्स में बग भेजना काफी आसान रहता है, इसी से बचने के लिए कंपनियां वक्त-वक्त पर अपने सॉफ्टवेयर या ऐप्स को अपडेट करती हैं। इसलिए आपके फोन के लिए जैसे ही कोई नया अपडेट आए आप उसे जरूर डाउनलोड करें साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके मोबाइल में रखे ऐप्स भी पूरी तरह से अपडेट रहें। ताकि आपका फोन सेफ रह सके।
- फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल करना: फ्री और ओपन वाई-फाई नेटवर्क भी कई बार आपके मोबाइल के लिए अनसेफ हो सकते हैं। क्योंकि इससे ना केवल आपकी सर्फिंग हैबिट्स पर नजर रखी जा सकती है, बल्कि आप से जुड़ी सेंसिटिव जानकारी भी चुराई जा सकती है। कई हैकर्स ओपन वाई-फाई नेटवर्क के जरिए यूजर के सेंसिटिव डाटा को चुरा लेते हैं। हालांकि कैफे और एयरपोर्ट जैसी जगहों पर मिलने वाला फ्री वाई-फाई यूं तो सेफ होता है, लेकिन फिर भी इन जगहों पर आपको किसी सेंसिटिव इंफोर्मेशन (जैसे ऑनलाइन बैंकिंग) को एक्सेस करने से बचना चाहिए। यूजर को हर कहीं मिलने वाले ओपन वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।
- अनजान लिंक्स पर क्लिक करना: अगर आप अपने फोन पर आई अनजान लिंक्स पर बगैर सोचे समझे क्लिक कर देते हैं तो ये भी आपके मोबाइल के लिए डेंजरस हो सकता है। ये फिशिंग का एक तरीका होता है, जिसमें कोई आपको मालवेयर इंफेक्टेड लिंक भेजकर आपके सिस्टम या डिवाइस को हैक कर सकता है। इस तरह की हैकिंग के जरिए हैकर आपकी पर्सनल इंफोर्मेशन भी चुरा सकते हैं। इसलिए कभी भी बगैर सोचे समझे अनजान लिंक्स या स्केची टेक्स्ट पर क्लिक नहीं करना चाहिए।
- एंटी वायरस का इस्तेमाल नहीं करना: वायरस आपके मोबाइल फोन को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए आप अपने डाटा को बग या वायरस अटैक से बचाने के लिए एंटीवायरस प्रोटेक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं। एंटीवायरस ऐसे खतरनाक वायरस और प्रोग्राम्स को डिटेक्ट कर उन्हें रिमूव कर देते हैं।
- फोन को हमेशा अनलॉक रखना: कई लोग अपने फोन को लॉक करना पसंद नहीं करते हैं, ये भी एक बड़ी लापरवाही है। फोन को लॉक नहीं करते हुए आप फोन के चोरी होने या गुम होने पर अपने से जुड़ी पूरी जानकारी किसी और के हाथों में आसानी से दे रहे हैं। इससे बचने के लिए आप अपने स्मार्टफोन में दिए कई तरह के लॉक ऑप्शन्स में से किसी एक को ऑन कर सकते हैं। आप पासवर्ड, पिन या स्वाइप लॉक में से किसी एक को ऑन कर सकते हैं। स्पेशली आप चार कैरेक्टर्स से ज्यादा बड़ा पासवर्ड रखकर अपने फोन को क्रेक होने से बचा सकते हैं। कई नए मोबाइल फोन्स फिंगरप्रिंट स्कैनिंग लॉक के साथ आ रहे हैं। जो सिक्युरिटी के लिहाज से काफी अच्छे हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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