आईआईटी काउंसिल की ओर से गठित समिति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से वर्ष 2017 के लिए सिंगल टेस्ट और जेईई मेन के लिए बोर्ड परीक्षाओं के अंकों की वेटेज के नियम को खत्म करने की सिफारिश की है। मगर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा है कि इन सिफारिशों को पहले आम जनता की राय के लिए सार्वजनिक रूप से रखा जाएगा और इसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। हालांकि 2016 की परीक्षा 2015 में ली गई परीक्षा के पैटर्न पर ही ली जाएगी। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रोफेसर अशोक मिश्रा की अध्यक्षता में गठित प्रतिष्ठित व्यक्तियों की समिति यानी सीईपी ने मंत्रालय को जेईई मेन और एडवांस की बजाय सिंगल टेस्ट लेने की सिफारिश की है। मगर जेईई से पहले एक एप्टीट्यूड टेस्ट की सिफारिश भी की गई है। इस टेस्ट के जरिए चार लाख उम्मीदवार जेईई परीक्षा के लिए चुने जाएंगे। इसमें से 40 हजार से अधिक छात्र आईआईटी और एनआईआईटी के लिए कॉमन काउंसिलिंग के आधार पर चुने जाएंगे। समिति ने मंत्रालय को जेईई परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों में कोचिंग की मदद लेने की होड़ को कम करने के लिए ऑनलाइन अभ्यास शुरू करने की सिफारिश की गई है। मंत्रालय ने कहा है कि जेईई 2016 की परीक्षा 2015 के मुताबिक ही ली जाएगी। इसमें डेढ़ से दो लाख बच्चे जेईई एडवांस की परीक्षा दे सकेंगे। साथ ही जेईई मेन में बोर्ड परीक्षाओं के अंकों को वेटेज यानी प्राथमिकता देना भी 2016 में जारी रहेगा।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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