दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में फर्जी
दस्तावेजों के आधार पर दाखिला कराने वाले गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों ने
शुक्रवार को नए खुलासे किए हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि फर्जी
दाखिला कराने के लिए वह बिहार बोर्ड की मार्कशीट लगाते थे। ये भी बताया है
कि इस वर्ष 25 से ज्यादा फर्जी कागजातों के आधार पर नामचीन कॉलेजों में
दाखिला कराए हैं। सभी में बिहार बोर्ड की ही 12 वीं कक्षा की मार्कशीट लगाई
गई है। कांग्रेस
नेता इंद्रजीत सिंह उर्फ काकू के गिरफ्त में आने के बाद
और बड़े खुलासे होने की संभावना है। गौरतलब है दिल्ली के पूर्व कानून
मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कथित फर्जी डिग्री मामले में भी बिहार
कनेक्शन सामने आया था। अपराध शाखा
अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने बताया है कि वह उन कॉलेजों में ही फर्जी
कागजातों से दाखिला कराते थे, जिनमें नियम बहुत लचर है। इस कारण फर्जी
कागजातों से दाखिला कराना आसान होता था। जिन कॉलेजों के नियम कड़े हैं,
उनमें वह दाखिला नहीं करा पाते थे। ये भी पता चला है कि गिरोह का साथ कई
कालेजों का स्टाफ व अधिकारी देते थे। पुलिस उन लोगों की पहचान करने में लगी
हुई है। हालांकि ,कांग्रेसी नेता के गिरफ्तार होने के बाद ही कॉलेज के
लोगों के नाम सामने आ पाएंगे। आरोपियों ने
ज्यादातर फर्जी दाखिले बीए व बीकॉम पाठ्यक्रम में कराए हैं। इस बात के सबूत
नहीं मिले हैं कि साइंस पाठ्यक्रम में कोई दाखिला करवाया हो। आरोपी
गाजियाबाद, यूपी में फर्जी कागजात बनवाते थे। पुलिस इस बात की जांच कर रही
है कि गाजियाबाद में कहां फर्जी कागजात बनते थे। फरार चल रहे कांग्रेसी
नेता काकू और हिमांशू भी फर्जी कागजात बनवाते थे। जिन कॉलेजों में फर्जी कागजातों से दाखिले हुए हैं, दिल्ली पुलिस उन सभी
कॉलेजों को नोटिस भेज रही है। नोटिस भेजकर पुलिस फर्जी कागजातों से दाखिला
कराने वाले छात्रों के कागजात मांगेगी। अपराध शाखा केएक अधिकारी ने बताया
कि कॉलेज प्रशासनों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया गया है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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