वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के लिए पूर्व सैनिकों के आमरण अनशन और लगातार
धरने के दवाब में आ चुकी सरकार इस हफ्ते बड़े एलान का संकेत दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे मामले को अब खुद देख रहे हैं। सोमवार को
रक्षा मंत्री मनोहर परिकर की मोदी के साथ इस मसले पर हुई लंबी माथापच्ची के
बाद सकारात्मक नतीजे की उम्मीद जताई जा रही है। उच्चपदस्थ सूत्रों के
मुताबिक 28 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ओआरओपी
का एलान कर सकते हैं। सरकार
इस तारीख को 1965 भारत-पाक युद्ध का 50वीं वर्षगांठ पर विजय दिवस मनाने जा
रही है। सूत्रों के मुताबिक पेंशन के कट ऑफ साल और विधवाओं व जवानों के मुआवजे से
जुड़ी पूर्व सैनिकों की मांग पर सरकार थोड़ा झुकने को तैयार हो गई है।
सूत्रों का कहना है कि आमरण अनशन पर बैठे पूर्व कर्नल पुष्पेेंद्र सिंह की
हालत बिगड़ने के बाद सरकार जबरदस्त दवाब में आ गई है। गौरतलब है कि पहले
ओआरओपी का एलान मोदी 15 अगस्त को लाल किले से करने वाले थे लेकिन
आंदोलनकारियों और सरकार के बीच सहमति नहीं बनने की वजह से इसे टाल दिया
गया। इसके बाद 10 पूर्व सेना प्रमुखों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर
हालात पर अपनी नाराजगी जताई। तीन दिन पहले पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय
मंत्री जनरल वीके सिंह की बेटी ने आंदोलन में शरीक होकर मामले को और नया
रंग दे दिया।
20 साल पुरानी है यह मांग: पूर्व
सैनिकों की यह मांग लगभग 20 साल पुरानी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने
चुनाव प्रचार के दौरान भी हरियाणा में रैली कर ओआरओपी को लागू करने का एलान
किया था। सरकार गठन के बाद बाद संसद में कई भाजपा नेता समेत प्रधानमंत्री
ने भी इस मसले पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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