हरियाणा में पंचायत चुनाव धीरे-धीरे आगे खिसकते जा रहे हैं। राज्य सरकार
द्वारा विधानसभा के मानसून सत्र में शैक्षणिक योग्यता पर बिल लाने संबंधी
हलफनामा देने के बाद पंचायत चुनाव अक्टूबर में होने की संभावनाएं बन गई
हैं। 1पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 14 सितंबर
को तय की है। यदि तारीखें आगे बढ़ीं तो पंचायत चुनाव अक्टूबर के बाद भी जा
सकते हैं। भाजपा सरकार राजनीति में शुचिता लाने
के उद्देश्य से पंचायत
चुनाव में शैक्षणिक योग्यता लागू करने संबंधी फैसला भले ही लागू करना चाह
रही है, लेकिन कांग्रेस, इनेलो और हजकां ने इसका यह कहते हुए विरोध किया है
कि फैसला लागू करने का यह उचित समय नहीं है। कांग्रेस ने इस फैसले को
अगली बार से लागू करने का सुझाव दिया था, जबकि इनेलो का कहना है कि 80
प्रतिशत आबादी राज्य सरकार के इस फैसले से प्रभावित होती है, जो चुनाव
लड़ने की इच्छुक है। हजकां ने इस फैसले को लागू करने से पहले विधानसभा व
लोकसभा के उम्मीदवारों पर लागू करने का सुझाव दिया है। भाजपा सरकार की ओर
से हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे के आधार पर माना जा सकता है कि भले ही
विरोधी दल कितना भी विरोध करें, लेकिन सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार के
लिए तैयार नहीं है। ऐसे में मामला न केवल लंबा खिंचने के आसार बन गए, बल्कि
पंचायत चुनाव भी तय समय सीमा में होते नजर नहीं आ रहे हैं। पंचायतों का
कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो चुका है और गांवों की सरकार प्रशासक के हाथों
में चली जाने के कारण विकास कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। राज्य चुनाव
आयोग भी अब बेबस है। उसकी चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अब पंजाब
एवं हरियाणा हाईकोर्ट से झंडी मिलने के बाद ही आयोग चुनाव पर कोई फैसला ले
पाएगा।
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साभार: जागरण
समाचार
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