आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए इस बार स्वतंत्रता दिवस खास हो गया है।
सड़क से अदालत तक की लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार हरियाणा सरकार उनकी पढ़ाई
का खर्च उठाने को तैयार हो गई है। इससे राज्य के निजी स्कूलों में गरीब
बच्चे दूसरी से आठवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा पा सकेंगे। पहली कक्षा में
दाखिला शिक्षा का
अधिकार कानून के तहत मिलेगा। दरअसल, सरकार गरीब बच्चों की
शिक्षा पर आने वाला खर्च उठाने को तैयार नहीं हो रही थी। इसी वजह से
अप्रैल में शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बावजूद अगस्त महीने के दूसरे सप्ताह
तक गरीब बच्चों के आवेदनों का ड्रा नहीं हो पाया। 80 हजार बच्चों ने
नियम-134ए के तहत मुफ्त शिक्षा के लिए आवेदन किया हुआ है। हाईकोर्ट के बाद
उच्चतम न्यायालय में भी सरकार की एक न चलने पर आखिर स्कूल शिक्षा विभाग को
बुधवार देर रात ड्रॉ व दाखिला का कार्यक्रम जारी करना पड़ा। खाली सीटों के
मुकाबले आवेदन कम होने पर बच्चे मनपसंद के स्कूलों में आसानी से दाखिला पा
सकेंगे। नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के कोटे की ढाई लाख
सीटें बनती हैं। आवेदन मात्र 80 हजार ने किया है और उसमें से भी काफी
बच्चे ड्रा न निकलने के कारण स्कूलों में दाखिला चुके हैं। पहला ड्रा
शुक्रवार को खंड शिक्षा स्तरीय समितियां निकालेंगी। जिला स्तरीय समितियों
की इस पर पूरी निगाह रहेगी।
यूं फंसा था पेंच: 2015-16 शैक्षणिक सत्र में
दाखिला के लिए 1 से 20 अप्रैल तक आवेदन मांगे गए थे। फार्म की छंटनी के बाद
पहली मई को खंड स्तर पर सूची प्रकाशित की जानी थी, लेकिन शिक्षा निदेशालय
ने अंतिम समय में दूसरी से आठवीं कक्षा तक की सूची जारी करने पर रोक लगा
दी। इसके बाद मामला अदालती प्रक्रिया में उलझा रहा।
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साभार: जागरण
समाचार
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