रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सेंटर के साफ्टवेयर से अकाउंट का गायब हो गया। इससे मदवि के लेन-देन, कर्मचारियों के वेतन व ऋण संबंधी कोई भी जानकारी विवि प्रशासन के पास नहीं है। अकाउंट का डाटा ध्वस्त होने के पीछे विवि में तरह-तरह के कयास लगने शुरू हो गए है। यहां तक कहा जा रहा है कि अकाउंट का डाटा जानबूझ कर खत्म किया गया है। लेकिन इसकी कोई आधिकारिक तौर पर पुष्टि करने को तैयार नहीं है। हालांकि विवि प्रशासन ने कंप्यूटर सेंटर के निदेशक और तकनीकी सहायक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। इससे पहले एक विशेष जांच समिति गठित की है, जो इस पूरे मामले का खुलासा करेगी। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय का कंप्यूटर सेंटर की कार्यप्रणाली आए दिन सुर्खियों में आ रही है। कभी प्रवेश परीक्षा के रजिस्ट्रेशन नंबर गलत जारी करने को लेकर तो कभी परीक्षा परिणाम देरी से जारी करने पर। लेकिन इस बार तो ऐसा कर दिया, जिससे विवि बड़ी परेशानी में फंस गया है। कंप्यूटर सेंटर में फीड विवि का अकाउंट डाटा गायब हो गया। अब विवि के अकाउंट संबंधी कोई भी जानकार ऑनलाइन नहीं है। इतना ही नहीं कंप्यूटर में कोई रिकार्ड ही नहीं बचा। ऐसे में विवि के कर्मचारियों के वेतन से लेकर ऋण लेने व अन्य फंडों का ब्योरा नहीं है।
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साभार: जागरण
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