हरियाणा में अल्पसंख्यक स्कूल अब मनमाफिक तरीके से नहीं खोले जा सकेंगे।
केंद्र सरकार के निर्देश पर भाजपा सरकार ने अल्पसंख्यक स्कूल स्थापित करने
के लिए नई नीति बनाई है। कोई भी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था बिना सरकार की
एनओसी के स्कूल नहीं खोल सकेगी। अभी तक ये नियम लागू नहीं था। संस्थाएं
अपने स्तर पर स्कूल खोल कर बोर्ड या सीबीएसई से मान्यता व संबद्धता ले लेती
थीं। नई नीति में अनापत्ति प्रमाण
पत्र के बाद ही स्कूल को अल्पसंख्यक
दर्जा मिलेगा। एनओसी देने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को
अधिकृत किया गया है। उन्हें साफ निर्देश हैं कि संस्थाओं का रिकॉर्ड सही और
मापदंड पूरा होने पर ही अनापत्ति प्रमाण पत्र दें। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक
शिक्षण संस्थान आयोग भी इसके पक्ष में है। ऐसे में संस्थाओं को एनओसी लेने
के लिए कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। नई नीति के अनुसार पहली से आठवीं
कक्षा तक स्कूल स्थापित करने की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट संस्थाओं को
मौलिक शिक्षा व नौवीं से बारहवीं तक की सेकेंडरी शिक्षा महानिदेशक को
सौंपनी होगी। जिस अल्पसंख्यक समुदाय से संस्था संबंधित है, उसके पचास
प्रतिशत छात्रों को दाखिला देना अनिवार्य है। संस्था के दो तिहाई सदस्यों
का अल्पसंख्यक समुदाय से होना भी जरूरी है। शिक्षण संस्था एसडीएम कार्यालय
में पंजीकृत होनी चाहिए। स्कूल स्थापित करने के लिए उपलब्ध जमीन की लीज कम
से कम तीस वर्ष होना अनिवार्य है। अगर भूमि स्थानीय निकाय के अंतर्गत आती
है तो उसका सीएलयू व एनओसी होनी चाहिए।
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साभार: जागरण
समाचार
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