सरप्लस आधार पर नौकरी से हटाए गए एक हजार से अधिक गेस्ट टीचरों ने सोमवार
को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बहाली की मांग की।
जस्टिस दीपक सिब्बल ने सभी याचिकाएं जस्टिस अमित रावल को रेफर कर दी हैं
जिनके पास पहले ही सैकड़ों अतिथि अध्यापकों की पुनर्विचार याचिकाएं
विचाराधीन
हैं। वह इस पर 1 सितंबर को सुनवाई करेंगे। अदालत में जिरह के
दौरान याची के वकील विकास चतरथ ने बेंच को बताया कि प्रदेश सरकार ने
हाईकोर्ट में हलफनामा देकर जो आंकड़े पेश किए थे, वे गलत हैं। वर्ष 2012 के
आंकड़ों के आधार पर उन्हें सरप्लस दिखाकर हटा दिया गया। सूचना के अधिकार
के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि जिन विषयों के टीचरों को सरप्लस
बताकर हटाया गया था, उनके हजारों पद स्कूलों में खाली पड़े हैं। सरप्लस
गेस्ट टीचरों के वकील ने बेंच से आग्रह किया कि जब तक नियमित टीचरों की
भर्ती नहीं होती तब तक उन्हें अन्य गेस्ट टीचरों की तरह काम करने की इजाजत
दी जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकारी स्कूलों में टीचर का अनुपात
1:35 है और हजारों पद खाली पड़े हैं। विदित रहे कि सरप्लस गेस्ट टीचरों ने
हटाने के आदेश को डिविजन बेंच में भी चुनौती दी थी। डिविजन बेंच ने इन
टीचरों को एकल बेंच के सामने पुनर्विचार याचिका दायर करने की सलाह दी थी।
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साभार: जागरण
समाचार
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