सुझावों पर अमल कर ही नई शिक्षा नीति बनाई जाएगी। 23 अगस्त को सुझाव दिवस पर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में लिखित सुझाव लिए जाएंगे। नोडल अधिकारी इसकी रिपोर्ट तैयार कर निदेशालय भेजेंगे। मंथन के बाद एजुकेशन पॉलिसी का नया स्वरूप सामने आएगा। रोजगार संकट को देखते हुए बच्चों को मूल्यवान शिक्षा देने की जरूरत महसूस की जा रही है। मानव संसाधन व विकास मंत्रलय ने 29 वर्षो के बाद नई शिक्षा नीति लागू करने की कवायद शुरू की है। नीति का मसौदा इस बार बंद वातानुकूलित कमरे में तैयार नहीं किया जा रहा, बल्कि देशभर में गांव की पंचायतों से सुझाव मांगे गए हैं। सरकार की हिदायत पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने 23 अगस्त को नई शिक्षा नीति सुझाव दिवस मनाने का निर्णय लिया है। ग्रामीण स्तर के राजकीय विद्यालयों में इस दिन समस्त ग्राम सभाओं की बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें सरपंच, पंच, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य, शिक्षाविद्, सम्मानित नागरिक व महाविद्यालय में शिक्षा हासिल करने वाले छात्र-छात्रएं शामिल होंगे।
थीम पर करेंगे चर्चा: कई दौर की बैठकों के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने स्कूली शिक्षा व उच्चतर शिक्षा के लिए अलग अलग थीम निर्धारित की है। स्कूली शिक्षा पर 13 व उच्चतर शिक्षा के लिए 20 थीम निर्धारित हैं। बेस्ट टीचर डवलप करने से लेकर बच्चों को मूल्यवान शिक्षा उपलब्ध कराने के सारे टॉपिक इसमें शामिल हैं। सुझावों की समग्र रिपोर्ट ई मेल से निदेशालय को भेजी जाएगी।
स्टाफ का अवकाश रद: सुझाव दिवस रविवार को है। अवकाश होने से बच्चों के लिए विद्यालय बंद रहेगा, लेकिन अध्यापक से लेकर गैर शैक्षणिक कर्मचारी अनिवार्य रूप से उस दिन उपस्थित रहेंगे। निदेशालय की हिदायत का पालन न करने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। गांव के शिक्षाविद को-आर्डिनेटर की भूमिका निभाएंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से इस बारे में सभी डीईओ, डीईईओ व जिला परियोजना संयोजकों को पत्र (केडब्ल्यू2/3/2015 एनईपी) भेजा गया है। पत्र में सुझाव दिवस कर्मठता से आयोजित करने की हिदायत दी गई है।
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साभार: जागरण
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