हरियाणा में जेबीटी भर्ती का परिणाम तैयार करने
वाले प्रोग्रामर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने तलब किया है। हाईकोर्ट ने
नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक फिलहाल जारी रखी है। मामले में सरकार की ओर
से कहा गया था कि डाटा एकत्र करते समय अंकों में फेरबदल हुआ, लेकिन सभी
अभ्यर्थियों को अंक पूरे दिए गए। जेबीटी के 9455 शिक्षकों की भर्ती के लिए
प्रदेश सरकार ने 40 हजार अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया था। इसके बाद मेरिट
लिस्ट तैयार की थी। तब शैक्षणिक योग्यता के आधार पर अंक देकर इंटरव्यू के
अंक जोड़े गए थे। एक स्नातकोत्तर (एमए)
योग्यता प्राप्त अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि
सरकार के नियमों के अनुसार चयन प्रक्रिया के दौरान उसे शैक्षणिक योग्यता
के दो अंक अधिक मिलने थे। शैक्षणिक योग्यता में इनका लाभ दे दिया गया,
लेकिन इंटरव्यू में हासिल अंकों में से उसके दो अंक काट लिए गए। ऐसे में वह
चयन से वंचित रह गया। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
सरकार ने अपने जवाब में कहा कि समूचा डाटा कंप्यूट्रीकृत किया गया है।
हाईकोर्ट ने इंटरव्यू का वह दस्तावेजी रिकार्ड मांगा था, जिसमें चयन कमेटी
के सदस्यों ने अभ्यर्थियों को अंक दिए थे, लेकिन सरकार ने कहा था कि डाटा
कंप्यूटर में अपलोड करने के बाद यह दस्तावेजी रिकार्ड नष्ट कर दिए गए। इस
पर याचिकाकर्ता के वकील मनजीत सिंह ने आरोप लगाया कि भर्ती प्रक्रिया से
जुड़ा रिकार्ड नष्ट नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी
थी। याचिका के बाद कुछ अन्य स्नातकोत्तर अभ्यर्थी भी हाईकोर्ट पहुंचेे, जिस
पर सरकार को नोटिस जारी हो चुका है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान अब
हाईकोर्ट ने मंगलवार को निर्देश जारी किया है कि परिणाम का डाटा कंप्यूटर
पर अपलोड करने वाले कंप्यूटर प्रोग्रामर को कोर्ट में पेश होकर जवाब देना
होगा।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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